कोविड की तीसरी लहर का सामना करने को तैयार है स्वास्थ्य महकमा
जनपद वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर से लगभग मुक्त है। आगे महामारी का सामना करने के लिए जोर-शोर से तैयारी की जा रही है। तीसरी लहर की तैयारी को लेकर चलाए जा रहे जागरण अभियान के क्रम में दैनिक जागरण से बातचीत में मुख्य चिकित्साधिकारी डा. जीएसवी लक्ष्मी सिंह ने कहा कि दूसरी लहर में मिली चुनौतियों से सीख लेकर हम तीसरे चरण का सामना करने के लिए तैयार हैं। संसाधनों की समुचित व्यवस्था के साथ ही जनमानस को बचाव के प्रति जागरूक किया जा रहा है। बातचीत के प्रमुख अंश..।
जागरण संवाददाता, जौनपुर : जनपद वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर से लगभग मुक्त है। आगे महामारी का सामना करने के लिए जोर-शोर से तैयारी की जा रही है। तीसरी लहर की तैयारी को लेकर चलाए जा रहे जागरण अभियान के क्रम में दैनिक जागरण से बातचीत में मुख्य चिकित्साधिकारी डा. जीएसवी लक्ष्मी सिंह ने कहा कि दूसरी लहर में मिली चुनौतियों से सीख लेकर हम तीसरे चरण का सामना करने के लिए तैयार हैं। संसाधनों की समुचित व्यवस्था के साथ ही जनमानस को बचाव के प्रति जागरूक किया जा रहा है। बातचीत के प्रमुख अंश..।
सवाल : कोविड की दूसरी लहर में आक्सीजन की उपलब्धता सबसे बड़ी चुनौती थी। तीसरी लहर में इस चुनौती से कैसे सामना किया जाएगा?
जवाब : जिले में 13 आक्सीजन प्लांट के लिए धन अवमुक्त है। इनमें से 11 तैयार हैं और बाकी दो जगहों के प्लांट भी दो-चार दिनों में तैयार हो जाएंगे। आक्सीजन की कमी किसी भी स्तर पर नहीं होने पाएगी।
सवाल : दूसरी लहर में एंबुलेंस उपलब्ध न हो पाने से मरीजों को दिक्कतें हुई थीं। इसे लेकर क्या तैयारी की गई है?
जवाब : जनपद में पर्याप्त संख्या में एंबुलेंस मौजूद हैं। कोविड-19 के लिए 53 एंबुलेंस तैयार हैं। इन पर एक-एक अतिरिक्त पैरामेडिकल कर्मी की तैनाती की गई है। आवश्यकता पड़ने पर संख्या बढ़ाई जाएगी।
सवाल : दूसरी लहर में रेमडेसिविर, फेविपिराविर जैसी जीवनरक्षक दवाएं कम पड़ी थीं। मेडिकल स्टोरों पर अधिक दाम पर बेचे जाने की खबरें आई थीं। इसकी व्यवस्था कैसे होगी और कैसे नियंत्रित किया जाएगा?
जवाब : जनपद में रेमेडेसिविर, फेविपिराविर की पर्याप्त स्टाक उपलब्ध है। इतना ही नहीं कोविड के उपचार प्रबंधन के लिए जिस किसी भी दवा की जरूरत होती है सभी पर्याप्त मात्रा में है। तीसरी लहर के लिए जरूरी एक भी दवा की कमी नहीं है। अधिक मूल्य पर जो भी दवा बेचेगा उस पर सख्त कार्रवाई होगी।
सवाल : तीसरी लहर में सबसे ज्यादा बच्चों के प्रभावित होने की आशंका है। बच्चों को इससे सुरक्षित करने के लिए क्या प्रयास चल रहे हैं?
जवाब : जिला स्तर पर 40 बेड का पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) वार्ड तैयार है। चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर 12-12 पीकू के बेड तैयार हैं। जिले में 400 आक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध है। वेंटीलेटर, बाईपैप मशीन सहित पीकू वार्ड में इलाज के लिए सारी व्यवस्था उपलब्ध रहेगी। बाल रोग विशेषज्ञों सहित 90 कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। प्राइवेट अस्पतालों को भी अधिकृत किया गया है।
सवाल : कोरोना से निपटने में टीकाकरण की सबसे महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से लोगों के शरीर को प्रतिरोधी बनाने के क्या प्रयास चल रहे है?
जवाब : जनपद में लक्ष्य के सापेक्ष अभियान चलाकर टीकाकरण किया जा रहा है। अधिक से अधिक टीकाकरण के लिए जनमानस को जागरूक किया जा रहा है।
सवाल : कोविड-19 से निपटने में मेडिकल किट बनाकर कितने लक्षण वाले मरीजों की दवा की व्यवस्था कराई जा चुकी है?
जवाब : अब तक लक्षण वाले 1,16,811 लोगों को दवाओं का किट उपलब्ध कराई गई है। बच्चों से लेकर वयस्क तक के लिए किट तैयार है।
सवाल : कोविड का प्रसार रोकने में निगरानी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इस समय उनकी क्या भूमिका है, सक्रिय हैं या उन्हें निष्क्रिय कर दिया गया है?
जवाब : निगरानी समितियों की सदस्य आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी के माध्यम से संबंधित गांवों नजर रखी गई है। दूसरी लहर से ही जनपद में 1908 निगरानी समितियां क्रियाशील हैं।