राजकीय पुस्तकालय का होगा कायाकल्प, भेजा गया प्रस्ताव
जौनपुर राजकीय पुस्तकालय की स्थिति अब सुधरने वाली है। इसके कायाकल्प के ि
जागरण संवाददाता, जौनपुर : राजकीय पुस्तकालय की स्थिति अब सुधरने वाली है। इसके कायाकल्प के लिए शासन स्तर से बजट की डिमांड की गई है। इसका प्रस्ताव तैयार करके भेज दिया गया है। इसमें रंगाई, टाइल्स आदि की बेहतर व्यवस्था की जाएगी। जिससे यहां पर पढ़ने आने वाले छात्रों व लोगों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। ईशापुर में स्थित इस भवन में वर्तमान में जहां पेंटिग खराब पड़ी है वहीं दीवारों पर सीलन लगी रहती है। लाइब्रेरी जीर्ण-शीर्ण है।
जिले के ईशापुर में 1995 में राजकीय पुस्तकालय की स्थापना की गई। यह पुस्तकालय माध्यमिक शिक्षा के तहत जिला विद्यालय निरीक्षक के निर्देशन में चलाई जा रही है। यहां नई व पुरानी मिलाकर कुल 20 हजार पुस्तकें हैं। इसमें कई ऐसी प्रतियोगी, ऐतिहासिक व दुर्लभ हैं जो कहीं और नहीं मिलेंगी। इसकी मरम्मत के लिए आरइएस विभाग से प्रस्ताव बनाकर शासन से पांच लाख रुपये की डिमांड की गई है। इसमें फर्श पर टाइल्स, रंग-पोताई, मरम्मत का निर्माण कराया जाएगा। वैसे यहां पुस्तकालय में कर्मचारियों की कमी है। संविदा पर रखे एक आपरेटर, एक समन्वयक, एक चपरासी को हटा दिया गया है। केवल पुस्तकालयाध्यक्ष व चपरासी काम कर रहे हैं।
किताबों की हो रही आनलाइन इंट्री..
वर्तमान में कंप्यूटर पर किताबों की आनलाइन इंट्री की जा रही है। गतवर्ष से चल रहे इस काम में अभी तक छह हजार किताबों की इंट्री हो सकी है। इससे यह पता चलेगा कि लाइब्रेरी में कौन सी किताबें हैं और कहां रखीं हैं। ये है पंजीकरण की व्यवस्था..
पुस्तकालय की सदस्यता लेने के लिए किसी भी व्यक्ति को 200 रुपये व पासपोर्ट साइज फोटो, आइकार्ड की फोटो कापी पुस्तकालय के कार्यालय में देना होता है। लंबे समय से राजकीय पुस्तकालय की मरम्मत नहीं कराई गई है। इसको देखते हुए लघु निर्माण के तहत शासन स्तर से पांच लाख रुपये की डिमांड एक माह पहले की गई है।
-वृजेश कुमार पांडेय, अध्यक्ष राजकीय पुस्तकालय।