सरकार भूल गई पशुओं का बीमा, बजट ही नहीं जारी
जागरण संवाददाता जौनपुर कीमती पशुओं की बीमारी व दुर्घटना में मौत होने से पशुपालकों को
जागरण संवाददाता, जौनपुर: कीमती पशुओं की बीमारी व दुर्घटना में मौत होने से पशुपालकों को बर्बादी से बचाने के लिए सरकार ने पशुधन बीमा योजना लागू किया है। पशुपालकों के मामूली प्रीमियम पर पशुओं का बीमा होता है। इसके लिए हर साल लक्ष्य जारी किया जाता है। वैश्विक महामारी काल में सरकार पशुओं का बीमा भूल गई है। योजना में इस साल न तो लक्ष्य आया और न ही बजट जारी किया गया। पशुपालक बीमा के लिए पशु चिकित्सालय व कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं।
बीमारी व आपदा की दशा में पालतू पशुओं की आकस्मिक मौत होने से पशुपालक किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इसी को देखते हुए सरकार ने पशुपालन विभाग की देखरेख में पशुधन बीमा योजना की शुरुआत की है। पशुधन बीमा योजना के लिए जनपदवार बीमा कंपनी नामित किया जाता है। भैंस पर अधिकतम 60 हजार व गाय पर अधिकतम 40 हजार तक का बीमा होता है। बीमा के प्रीमियम का 50 फीसद केंद्र, 25 फीसद राज्य सरकार भुगतान करती है। पशुपालकों को महज 25 फीसद देना होता है। मामूली धनराशि जमा कर पशुपालक कीमती पशुओं को लेकर बेफिक्र हो जाता है। सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में अभी तक बजट ही जाही नहीं किया है, जिसके चलते छह माह से योजना बंद है। परेशान पशुपालकों का कहना है कि एक ओर सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए तमाम योजनाएं संचालित कर रही है। वहीं दूसरी तरफ पशुपालन को बढ़ावा देने पर ध्यान नहीं जा रहा है। बोले अधिकारी..
पशुधन बीमा योजना के तहत वित्तीय वर्ष में न तो लक्ष्य आया है और न ही बीमा कंपनी को नामित किया गया है। शासनादेश आते ही बीमा का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।
डा. राजेश सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी।