दीवानी न्यायालय में नहीं बढ़ाई गई अतिरिक्त चौकसी
जागरण संवाददाता जौनपुर धनबाद (झारखंड) के जिला एवं सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनंद की ह
जागरण संवाददाता, जौनपुर : धनबाद (झारखंड) के जिला एवं सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनंद की हत्या के बाद भी दीवानी न्यायालय में न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा के कोई अतिरिक्त इंतजाम नहीं किए गए हैं। जैसी सुरक्षा व्यवस्था पहले थी, वैसी ही आज भी बरकरार है। पूर्व में हुई घटनाओं से जिला पुलिस प्रशासन ने कोई सबक नहीं सीखा।
झारखंड में न्यायिक व्यवस्था पर सीधे हमले की घटना के बाद भी जिला पुलिस प्रशासन न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम करता नजर नहीं आ रहा है। न्यायालय में लाइन बाजार थाने से नियमित रूप से करीब 15 कांस्टेबलों व उप निरीक्षकों की ड्यूटी लगाई जाती है। गेट नंबर एक व तीन पर तैनात सिपाही हर आने-जाने वालों पर पैनी नजर रखते हैं। कुछ पुलिसकर्मी व दारोगा पूरे परिसर में बराबर चक्रमण करते हैं। इसके अलावा न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा में पीएसी के जवान चेंबर के बाहर डटे रहते हैं। स्थिति यह कि जितनी सुरक्षा व्यवस्था है, उसे पर्याप्त नहीं कहा जा सकता।
दूसरी तरफ एएसपी (सिटी) डा. संजय कुमार का दावा है कि न्यायालय में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं। लगभग तीन दर्जन इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर व कांस्टेबलों व पीएसी के जवानों की ड्यूटी लगाई जाती है। सशस्त्र क्यूआरटी दस्ता भी मुस्तैद रहता है। परिसर में जगह-जगह लगे सीसीटीवी कैमरों से हर आने-जाने वाले की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जाती है। कोर्ट में चल चुकी है गोली, जज की मिल चुकी है धमकी
कोर्ट में लगभग तीन-चार साल पहले जब यहां अपर जिला जज थे, तब एक वादकारी ने उन्हें बम से मारने की धमकी दी थी। उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया था। लगभग उन्हीं दिनों जमालापुर तिहरा हत्याकांड में फांसी की सजा पाए आरोपित आलम सिंह की गैंगस्टर कोर्ट में पेशी के दौरान एक व्यक्ति की पिस्टल से गोली चल गई थी। घटना के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की थी।