वर्षगांठ भी नहीं मना पाए शौचालय, बन गए कबाड़ घर
जागरण संवाददाता मुंगराबादशाहपुर (जौनपुर) स्वच्छ भारत मिशन का सपना पूरा करने के लिए स
जागरण संवाददाता, मुंगराबादशाहपुर (जौनपुर) : स्वच्छ भारत मिशन का सपना पूरा करने के लिए सरकार ग्रामीण स्वच्छता पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए जनप्रतिनिधियों ने जनजागरूकता अभियान चलाया और झाड़ू भी लगाया। प्रधानमंत्री स्वयं भी इस अभियान में शामिल हुए और झाड़ू लगाकर अभियान को आगे बढ़ाया। गांवों में घर-घर शौचालय बनवाए गए, लेकिन ग्रामीणों की उदासीनता के चलते अधिकतर शौचालयों का उपयोग लकड़ी, उपली व कबाड़ रखने के लिए किया जा रहा है। आज भी लोग खुले में शौच जा रहे हैं और इज्जत घर के उपयोग व उसके रखरखाव के प्रति उदासीन बने हुए हैं।
वित्तीय वर्ष 2019-20 में फत्तूपुर निस्फी गांव में 320 शौचालयों का निर्माण कराया गया। अभी साल भर भी नहीं बीते और अधिकतर शौचालय निष्प्रयोज्य हो गए। एक तिहाई से अधिक शौचालयों की छत दरवाजे भी उखड़ गए। कई शौचालयों का प्रयोग लकड़ी व उपली रखने आदि कार्यों के लिए किया जा रहा है। इसी तरह भीखपुर गांव में 360 शौचालय बनाए गए, लेकिन दो तिहाई दुर्दशा को प्राप्त हो गए उनका प्रयोग नहीं किया जा रहा है। भौंरा सुल्तानपुर गांव में लगभग 300 शौचालय बनाए गए जिनमें अधिकतर निष्प्रयोज्य हो चुके हैं। धौराहरा एवं सरोखनपुर गांव में बनाए गए शौचालय भी दुर्दशा को प्राप्त हो चुके हैं। यह तो महज बानगी है। इस तरह की समस्याएं कई ग्राम पंचायतों में देखने को मिल रही हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि शौचालय प्रयोग के काबिल बनाए ही नहीं गए थे फिर उनका प्रयोग कैसे हो पाता। शौचालय निर्माण के लिए सरकार ने प्रोत्साहन राशि तो ग्रामीणों के खाते में दिया, लेकिन जिम्मेदारों ने उनके खाते से धन निकलवा लिया और एजेंसियों के माध्यम से शौचालयों का निर्माण कराया। जन जागरूकता के अभाव में शौचालयों के प्रयोग के प्रति उदासीनता भी ग्रामीणों में देखी जा रही है।
वर्जन
शौचालय निर्माण के लिए सरकार प्रोत्साहन राशि लाभार्थियों के खाते में दे रही है। लाभार्थियों को शौचालय निर्माण और उनके प्रयोग के प्रति जागरूक रहना चाहिए। शौचालयों के रखरखाव देखरेख और प्रयोग के प्रति उदासीनता उचित नहीं है।
-पीयूष कुमार सिंह, खंड विकास अधिकारी, मुंगराबादशाहपुर।