तीन ब्लाक प्रमुखों का चुनाव आज, तैयारियां पूरी

जागरण संवाददाता, जौनपुर: विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के कारण सिकरारा, बक्शा व खुटह

By JagranEdited By: Publish:Thu, 08 Mar 2018 08:39 PM (IST) Updated:Thu, 08 Mar 2018 08:39 PM (IST)
तीन ब्लाक प्रमुखों का चुनाव आज, तैयारियां पूरी
तीन ब्लाक प्रमुखों का चुनाव आज, तैयारियां पूरी

जागरण संवाददाता, जौनपुर: विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के कारण सिकरारा, बक्शा व खुटहन के ब्लाक प्रमुखों की कुर्सी छिन गई थी। यहां शुक्रवार को प्रमुखों के चुनाव के लिए मतदान कराया जाएगा। इन चुनावों की संवेदनशीलता व दिग्गज नेताओं की गहरी दिलचस्पी के मद्देनजर प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा के साथ ही चाक-चौबंद व्यवस्था की है। संबंधित ब्लाक मुख्यालयों पर भारी पुलिस बल की तैनाती के साथ ही बैरीके¨डग की गई है। समर्थकों को मतदान स्थल से दूर रखने के बंदोबस्त किए गए हैं।

सिकरारा, खुटहन व बक्शा के ब्लाक प्रमुखों के उप चुनाव में गुरुवार को नाम वापसी की प्रक्रिया पूरी हो गई। इस प्रतिष्ठित चुनाव में सिकरारा व खुटहन में दो-दो उम्मीदवारों के बीच जहां सीधी लड़ाई में कांटे की टक्कर है वहीं बक्शा में तीन प्रत्याशियों के बीच मुकाबले के कारण त्रिकोणीय संघर्ष है।

इस चुनाव में अपने समर्थक प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए कई दिग्गज नेताओं व जनप्रतिनिधियों ने व्यूह रचना कर ताकत झोंक दी है। बीडीसी सदस्यों को किसी भी तरीके से अपने-अपने पक्ष में लामबंद करने के हर जतन किए जा रहे हैं।

सिकरारा में सपा प्रत्याशी विनय यादव व निर्दल प्रत्याशी पूर्व प्रमुख समरनाथ यादव के बीच दिलचस्प मुकाबले के हालात हैं। यहां से पूर्व प्रमुख समरनाथ यादव की पुत्रवधू ¨डपल यादव ने अपना पर्चा वापस ले लिया है। सपा प्रत्याशी के पक्ष में विधायक पारसनाथ यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष राज बहादुर यादव, जिलाध्यक्ष लाल बहादुर यादव जुटे हुए हैं तो पूर्व प्रमुख समरनाथ यादव की चुनावी नैया पार लगाने को पूर्व सांसद धनंजय ¨सह हर संभव कोशिश कर रहे हैं।

बक्शा में सपा प्रत्याशी के पक्ष में पूर्व प्रमुख रंजीत यादव ने अपना पर्चा वापस ले लिया है। यहां अब भाजपा के सजल ¨सह, सपा के प्रबुद्ध कुमार दुबे व निर्दल धनंजय तिवारी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।

खुटहन में पूर्व प्रमुख सपा समर्थित उम्मीदवार सरयू देई भाजपा की नीलम ¨सह के बीच सीधी टक्कर है। यहां नीलम ¨सह द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के कारण सरयू देई को प्रमुख पद की कुर्सी गंवानी पड़ी थी। यहां के चुनाव में दिग्गज नेताओं की गहरी दिलचस्पी के कारण मुकाबला रोमांचक हो गया है।

इन चुनावों की संवेदनशीलता के मद्देनजर प्रशासन भी चाक चौबंद व्यवस्था को अंतिम रूप देने में जुटा है।

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