कोरोना संक्रमण के साए में चुनाव, हेल्प डेस्क का रहा अभाव
जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण के साए में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव गुरुवार को संपन्न हो गया। कोविड-19 के मद्देनजर गाइडलाइन जारी होने के बावजूद अधिकतर बूथों पर हेल्प डेस्क का अभाव रहा।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण के साए में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव गुरुवार को संपन्न हो गया। कोविड-19 के मद्देनजर गाइडलाइन जारी होने के बावजूद अधिकतर बूथों पर हेल्प डेस्क का अभाव रहा। हालांकि कुछ ऐसे भी बूथ रहे जहां व्यवस्था मुकम्मल दिखी। तीन ग्राम पंचायतों में प्रधान प्रत्याशी की मौत के कारण चुनाव स्थगित रहा, जबकि 1737 ग्राम पंचायतों में चुनाव संपन्न कराया गया। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बावजूद इससे अधिकतर लोग न केवल बेफिक्र नजर आए, बल्कि उनमें चुनाव को लेकर जबरदस्त उत्साह दिखा। युवाओं की टोली मतदान के दिन भी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए तरह-तरह के जतन करती रही। इसे लेकर कुछ स्थानों पर स्थिति तनावपूर्ण भी दिखी। सूरज चढ़ने के साथ ही मतों का ग्राफ भी बढ़ता गया। अधिकांश बूथों पर मतदान शुरू होने के पहले ही लंबी-लंबी कतारें नजर आने लगी थीं। चिलचिलाती धूप के बावजूद कई ऐसे बूथ नजर आए जहां छाया की पर्याप्त व्यवस्था नहीं दिखी। ऐसे में मतदाताओं को कड़ी धूप में कतार में खड़े रहने को विवश होना पड़ा। कहीं-कहीं चुनाव चिन्ह में गड़बड़ी व कुछ अन्य छोटे-मोटे कारणों के चलते कुछ समय के लिए मतदान बाधित तो हुआ, लेकिन सूचना मिलते ही हरकत में आई प्रशासनिक मशीनरी ने संबंधित बूथों पर पहुंचकर गतिरोध दूर किया। जिले के सभी बूथों पर निगरानी टीम सेक्टर व जोनल मजिस्ट्रेट लगातार चक्रमण करते नजर आए। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा व पुलिस अधीक्षक राज करन नय्यर ने स्वयं अगुवाई करते हुए न केवल मोर्चा संभाला, बल्कि तमाम बूथों पर पहुंचकर जरूरी दिशा निर्देश भी देते नजर आए। चुनाव को देखते हुए जिले में बंदी की घोषणा के कारण गांव से बाहर सड़कों पर सियापा छाया रहा। जिले की सीमाओं को सील कर सुरक्षाकर्मी हर आने-जाने वालों पर न केवल कड़ी नजर रखे थे, बल्कि जगह-जगह चेक पोस्ट बनाकर उनकी जामा तलाशी भी ली जाती रही।