खाली खेतों में करें अगेती सब्जी की खेती

वर्षा ऋतु के विदाई की बेला में हो रही बारिश के कारण खेतों में पर्याप्त नमी है। खाली खेतों में अगेती सब्जी की खेती लाभदायी होती है। कम लागत में किसानों को अच्छी आमदनी होगी जो घाटे से उबरने का अच्छा विकल्प है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 05:09 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 05:09 PM (IST)
खाली खेतों में करें अगेती सब्जी की खेती
खाली खेतों में करें अगेती सब्जी की खेती

जागरण संवाददाता, जौनपुर : वर्षा ऋतु के विदाई की बेला में हो रही बारिश के कारण खेतों में पर्याप्त नमी है। खाली खेतों में अगेती सब्जी की खेती लाभदायी होती है। कम लागत में किसानों को अच्छी आमदनी होगी, जो घाटे से उबरने का अच्छा विकल्प है।

कृषि विज्ञान केंद्र के उद्यान वैज्ञानिक डा. राजीव कुमार सिंह ने सलाह दी कि अगेती सब्जियों में मुख्यत: आलू का कुफरी चंद्रमुखी, कुफरी अशोका, कुफरी ख्याति की बोआई फायदेमंद होगी। यह 70 से 90 दिन में तैयार हो जाता है। उत्पादन 250-300 क्विटल प्रति हेक्टेयर है। उन्होंने बताया कि सितंबर में प्रमुख सब्जियों में अगेती पत्ता गोभी, फूलगोभी, शिमला मिर्च, मिर्च व बैगन के बीज की बोआई करके नर्सरी तैयार कर सकते हैं। ऐसे बनाएं नर्सरी के लिए क्यारी

नर्सरी के लिए बनाई जाने वाली क्यारी मिट्टी के सतह से कम से कम छह इंच ऊंचा होना चाहिए. यदि संभव हो तो नर्सरी के क्यारी के ऊपर बांस की फट्टी का स्ट्रक्चर बना कर उसके ऊपर पालीथिन लगा दें, इसे लो कास्ट पाली टनल कहते हैं। नर्सरी को इसी लो कास्ट पाली टनल में लगाना चाहिए, क्योंकि पूरी तरह से मानसून गया नहीं है। यदि नर्सरी में पौधे जमीन की सतह से गल कर गिर रहें हों तो उसके बचाव के लिए फफूंदनाशक, जिसमें रिडोमिल व मैंकोजेब मिला सकते हैं। विकल्प में करें तोरिया की खेती

सब्जी के अलावा किसान खाली खेतों में विकल्प के रूप में तोरिया, सरसों, अलसी की खेती कर घाटे से उबर सकते हैं। इसके लिए अगेती प्रजातियों का चयन करना होगा। डा. सिंह ने बताया कि तोरिया की प्रमुख प्रजातियों में नरेंद्र राई-4, पीटी-30, पीटी 507, भवानी हैं। इसके अलावा सरसों में किरन, वैभव और असली की कम दिन की प्रजाति में शिखा, श्वेता, शेखर है।

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