पटाखों ने बढ़ाया पर्यावरण प्रदूषण
जागरण संवाददाता जौनपुर दीपावली पर्व पर लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े। पटाखों के धुएं और आ
जागरण संवाददाता, जौनपुर: दीपावली पर्व पर लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े। पटाखों के धुएं और आवाज देर रात तक आसमान में गूंजती रही। इस आतिशबाजी में पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा है। इसके चलते अस्पतालों में पांच से 10 फीसद तक सांस के मरीजों की संख्या बढ़ गई। साथ ही इनके साथ आए तीमारदारों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
चारो ओर पटाखों के धुएं से वातावरण प्रदूषित गया। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डा. पंकज जायसवाल ने बताया कि दीपावली की शाम ही पटाखे छोड़ने से हवा में काफी मात्रा में कार्बनडाइ आक्साइड, सल्फरडाई आक्साइड जैसी विषैली गैसों की मात्रा बढ़ गई। इससे पर्यावरण असंतुलित हो गया। वजह हवा में आक्सीजन की मात्रा 21 फीसद होती है, जबकि इस वजह से 15 से 17 फीसद तक पहुंच गई। यह मानव के शरीर में आक्सीजन के साथ प्रवेश की, जिससे दमा के मरीजों की तो मुसीबत बढ़ी ही सांस के मरीजों के संख्या में भी इजाफा हुआ। उन्होंने बताया कि पाटाखों से मस्तिष्क, हृदय, आंख, स्किन, कान के पर्दे पर ध्वनि से जुड़ी तमाम बीमारियों का खतरा उत्पन्न हो जाती हैं। डा. जायवाल ने कहा कि दीपावली के दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 477 तक पहुंच गया था, जिसका असर तीन से चार दिनों तक रहेगा।
वायु गुणवत्ता सूचकांक.
तीन नवंबर-235
चार नंबर-477
पांच नवंबर-316
छह नवंबर-283