नवदुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता का भक्तों ने किया दर्शन-पूजन

वासंतिक नवरात्र के पांचवें दिन शनिवार को पूर्वांचल की आस्था के कें

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 03:27 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 05:48 PM (IST)
नवदुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता का भक्तों ने किया दर्शन-पूजन
नवदुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता का भक्तों ने किया दर्शन-पूजन

जागरण संवाददाता, जौनपुर: वासंतिक नवरात्र के पांचवें दिन शनिवार को पूर्वांचल की आस्था के केंद्र शक्तिपीठ शीतला चौकियां धाम व अन्य मंदिरों में मनोवांछित फल देने वाली नवदुर्गा के पंचम स्वरूप स्कंदमाता का श्रद्धालुओं ने सविधि दर्शन-पूजन किया। पूरे नवरात्र व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं ने घरों में स्थापित कलश का विधि-विधान से पूजन कर दुर्गा सप्तशती का पाठ किया। कोविड-19 के लगातार बढ़ते संक्रमण का असर अब मंदिरों पर भी दिखाई पड़ने लगा है। दर्शनार्थियों की संख्या काफी घट गई है।

मंगला आरती के बाद भोर में साढ़े चार बजे चौकियां धाम में मुख्य द्वार पर मां शीतला के प्रतीक स्वरूप रखे पीतल के कलश पर माला-फूल, गजरा व प्रसाद चढ़ाकर शुरू हुआ झांकी दर्शन का सिलसिला रात कपाट बंद होने तक चलता रहा। कतार में लगे दर्शनार्थी जयकारा लगाते हुए अपनी बारी का इंतजार करते रहे। बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं पचरा गाती हुईं दर्शन-पूजन करने आईं। दर्शनार्थियों ने मंदिर परिसर में जगह-जगह बैठे भिखारियों को पीले वस्त्र, अन्न व धन दान कर पुण्य अर्जित किया। धर्माचार्यों के अनुसार मां दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की आराधना से साधक के आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है। मां के आशीर्वाद से अज्ञात शत्रुओं का भी नाश होता है और सभी तरह के भय मुक्ति मिलती है। दर्शनार्थियों पर दिखा लाकडाउन का असर

बढ़ते कोविड-19 महामारी के संक्रमण के मद्देनजर शनिवार की रात आठ बजे से सोमवार की सुबह सात बजे तक लागू संपूर्ण लाकडाउन का असर दर्शनार्थियों पर भी देखने को मिला। आसपास के जिलों आंबेडकरनगर, सुल्तानपुर, अयोध्या, आजमगढ़, गाजीपुर, गोरखपुर आदि जिलों से अक्सर देररात चौकियां धाम आने वाली दर्शनार्थियों की बसें शुक्रवार की रात से ही आनी शुरू हो गईं। चौकियां चौराहा सें महंगूपुर मार्ग पर सड़क किनारे दर्जनों यात्री बसें लगी रहीं। यात्रियों का कहना था कि लाकडाउन के कारण चौकियां माता का दर्शन कर तुरंत विध्याचल रवाना होंगे, ताकि वहां दर्शन-पूजन कर समय से घर वापस लौट सकें।

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