आक्सीजन के साथ ही दवाओं की उपलब्धता पर भी संकट
जागरण संवाददाता जौनपुर वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर में जीवन रक्षक आक्सीजन के
जागरण संवाददाता, जौनपुर : वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर में जीवन रक्षक आक्सीजन के साथ ही दवाओं की उपलब्धता पर भी संकट गहराने लगा है। रेमडेसिविर ही नहीं फेवीपीराविर (फेबी फ्लू) की भी उपलब्धता बाजार में कई दिनों से नहीं है। इसके अलावा अचानक अत्यधिक मांग बढ़ जाने के कारण विटामिन सी के साथ ही कोरोना से राहत के लिए उपयोग की जा रहीं अन्य दवाओं का स्टाक भी कम होता जा रहा है। दूसरी तरफ कृत्रिम अभाव दिखाकर कुछ दुकानदार कालाबाजारी में भी जुट गए हैं।
अप्रैल माह में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ने के कारण संक्रमितों की भरमार हो गई है। गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण आक्सीजन का संकट गहरा गया है। तीमारदार खाली सिलेंडर लेकर आपूर्तिकर्ताओं के यहां मारे-मारे फिर रहे है। दो-तीन गुना अधिक दाम देने के बाद भी मांग के अनुरूप उपलब्धता नहीं हो पा रही है। हालांकि जिला प्रशासन अस्पतालों में आक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने में लगा हुआ है। दूसरी तरफ सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी सहित कोरोना में उपयोग की जा रहीं अधिकांश दवाओं का स्टाक काफी कम हो गया है। दुकानदारों का कहना है कि सत्र के अंत में स्टाक काफी कम रहता है। इस माह अचानक डिमांड इतनी बढ़ गई है कि कंपनियां आपूर्ति नहीं कर पा रही हैं। खरीदकर घरों में स्टाक कर रहे लोग
कोरोना संक्रमण के बढ़ते कहर से घबराए लोग कोरोना पीड़ितों के उपयोग में आने वाली दवाओं को खरीद कर बेवजह स्टाक कर रहे हैं। सरकार व जिला प्रशासन के आश्वासन के बावजूद उन्हें आशंका है कहीं जरूरत के समय यह जीवनरक्षक दवाएं न मिल पाएं। दवा विक्रेताओं का कहना है कि यह कदम भी दवाओं की उपलब्धता में बाधक बन रहा है। वहीं दूसरी तरफ लखनऊ, आगरा, वाराणसी समेत तमाम महानगरों में कंपनियों के स्टाकिस्ट व उनके कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित हो जाने के कारण भी आपूर्ति में बाधा आ रही है। निगहबानी को नहीं है कोई जिम्मेदार
जनपद में दवाओं की कालाबाजारी, उपलब्धता आदि की निगहबानी को जिम्मेदार अधिकारी कोई नहीं है। औषधि निरीक्षक अमित बंसल कोरोना संक्रमित होने के कारण लंबे समय से अवकाश पर हैं। उनका प्रभार खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने किसी को नहीं दिया। जिला प्रशासन ने अभिहित अधिकारी डाक्टर वेद प्रकाश मिश्र को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। पूछने पर उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम आक्सीजन की आपूर्ति पर नजर रखे है। दवाओं के बारे में उन्होंने कहा कि यह तकनीकी मामला है। यह जिम्मेदारी विशेषज्ञ ही संभाल सकते हैं। इसके लिए किसी औषधि निरीक्षक को अतिरिक्त प्रभार सौंपने के लिए मंडल को पत्र भेजा गया है। घबराएं नहीं कोरोना किट की सभी दवाएं हैं उपलब्ध
कोरोना पीड़ितों के लिए चिकित्सकों ने जिन दवाओं की संस्तुति की है वह सभी दवाइयां पर्याप्त मात्रा में बाजार में उपलब्ध हैं। दवा व्यवसायी महामारी काल में हर तरह से मदद को तैयार हैं। कोई भी दुकानदार कालाबाजारी नहीं कर रहा है। जनमानस से आह्वान है कि जितनी आवश्यकता है उतनी ही दवा खरीदें। बेवजह स्टाक करने की कोई आवश्यकता नहीं है। फेबी फ्लू दो-तीन दिन में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो जाएगी।
-राजेंद्र निगम, महामंत्री केमिस्ट एंड कास्टमेटिक वेलफेयर एसोसिएशन। कोरोना में उपयोग हो रही दवाओं की अचानक मांग बढ़ गई है। जिसके चलते स्टाक में कुछ कमी आई है, लेकिन सभी दवाएं बाजार में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। एसोसिएशन इसके लिए बराबर निगाह रखने के साथ दवा कंपनियों से संपर्क में है। जिला प्रशासन भी अनवरत जानकारी ले रहा है। लोगों का आह्वान है कि वह संयम का परिचय देते हुए जितनी जरूरत है उतनी ही दवाओं की खरीद करें।
-दिवाकर सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन।