भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के चलते अधर में लटका मुंगरा बाईपास का निर्माण

रायबरेली-जौनपुर व प्रयागराज-शाहगंज को जोड़ने वाले इटहरा-कोदहूं बाईपास मार्ग निर्माण भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी न होने से अधर में लटका हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 08:33 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 08:33 PM (IST)
भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के चलते अधर में लटका मुंगरा बाईपास का निर्माण
भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के चलते अधर में लटका मुंगरा बाईपास का निर्माण

जागरण संवाददाता, जौनपुर : रायबरेली-जौनपुर व प्रयागराज-शाहगंज को जोड़ने वाले इटहरा-कोदहूं बाईपास मार्ग निर्माण भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी न होने से अधर में लटका हुआ है। जबकि अधिकतर काश्तकारों ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर दिया है, लेकिन मुआवजे का वितरण एवं अन्य प्रक्रिया अधूरी होने के कारण निर्माण आरंभ नहीं हो सका। बाईपास में शामिल 3.65 किमी मौजूद सड़क के चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। 59 करोड़ रुपये की लागत से बाईपास मार्ग का निर्माण किया जाना है। मुआवजा एवं मार्ग निर्माण के लिए धन अवमुक्त हो चुका है। 2017 से लंबित कार्ययोजना को सरकार की हरी झंडी भी मिल चुकी है।

प्रयागराज-शाहगंज मार्ग पर कोदहूं गांव के निकट से निकाले जा रहे बाईपास मार्ग को गौरैयाडीह पश्चिम मानवरहित रेलवे क्रासिग के बगल से होते हुए इटहरा गांव के निकट रायबरेली-जौनपुर राजमार्ग में मिलाया जाएगा। बाईपास मार्ग फोरलेन होगा। जिसकी कुल लंबाई 8.4 किलोमीटर होगी। इसमें 3.65 किमी पुरानी सड़क है, शेष सड़क निर्माण के लिए किसानों के काश्तकार की भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। भूमि का किसानों को सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा दिया जाएगा। जिसके लिए 24 करोड़ रुपये अवमुक्त हो चुका है तथा बाईपास निर्माण की लागत 35 करोड़ रुपये कार्यदाई संस्था को मिल गया है। बाईपास निर्माण के लिए गौरैयाडीह, इटहरा, भैरोपुर, रामचौकी एवं कोदहूं गांव के किसानों की कास्तकारी भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। सड़क निर्माण एवं भूमि अधिग्रहण कार्य साथ-साथ किया जाएगा। 3.65 किमी मौजूद सड़क के चौड़ीकरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बता दें कि यह कार्ययोजना जनवरी 2017 से लंबित है। सड़क निर्माण के लिए भूमि पूजन भी किया जा चुका था, लेकिन प्रदेश सरकार ने निर्माण पर रोक लगा दिया था। बाद में सरकार ने बाईपास का निर्माण स्टेट हाईवे अथारिटी के हाथ से हटाकर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को हस्तांतरित कर दिया, लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने निर्माण करने से इन्कार कर दिया। अक्टूबर 2019 में निर्माण कार्य स्टेट हाईवे अथारिटी के हाथ में आ गया, इसके लिए राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी। अब वर्ष भर से अधिक समय बीत गए, लेकिन भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।

बोले जिम्मेदार..

इस बाबत लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता एसके यादव ने बताया कि धन अवमुक्त हो चुका है। कुछ समस्याओं के चलते भूमि की अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। जैसे ही अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, निर्माण आरंभ हो जाएगा। 3.65 किमी मौजूद सड़क पर चौड़ीकरण प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है।

chat bot
आपका साथी