साथियों ने लाठी-डंडे से पीटकर व्यक्ति को मार डाला

क्षेत्र के अरसियां (डिहवां) गांव में सोमवार की देररात 45 वर्षीय राजेंद्र राजभर उर्फ सुकुड़ी को उसके साथियों ने ही लाठी-डंडे से पीटकर मरणासन्न कर दिया। इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। मृतक की पत्नी चंद्रावती की तहरीर पर पुलिस ने गांव के ही जगदीश उर्फ जग्गा विश्वकर्मा व सभाजीत यादव के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 11:52 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 11:52 PM (IST)
साथियों ने लाठी-डंडे से पीटकर व्यक्ति को मार डाला
साथियों ने लाठी-डंडे से पीटकर व्यक्ति को मार डाला

जागरण संवाददाता, सरपतहां (जौनपुर) : क्षेत्र के अरसियां (डिहवां) गांव में सोमवार की देररात 45 वर्षीय राजेंद्र राजभर उर्फ सुकुड़ी को उसके साथियों ने ही लाठी-डंडे से पीटकर मरणासन्न कर दिया। इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। मृतक की पत्नी चंद्रावती की तहरीर पर पुलिस ने गांव के ही जगदीश उर्फ जग्गा विश्वकर्मा व सभाजीत यादव के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। दोनों आरोपित अपराधी प्रवृत्ति के हैं और पूर्व में जिलाबदर किए जा चुके हैं।

गांव निवासी राजेंद्र रात दस बजे अरसियां बाजार से घर जा रहे थे। आरोप है कि घात लगाकर पीछा कर रहे दोनों आरोपित मनीराम वनवासी के घर के पास लाठी-डंडे से पीटकर राजेंद्र को अधमरा कर भाग गए। चीख-पुकार सुनकर मनीराम के पुत्र झिन्नू ने घटना की सूचना उसके स्वजन को दी। स्वजन राजेंद्र को शाहगंज स्थित निजी अस्पताल ले जाकर भर्ती कराए जहां उपचार के दौरान मंगलवार की भोर में उसने दम तोड़ दिया। मृतक व दोनों आरोपित कभी जिगरी दोस्त थे।

आठ साल पूर्व भूमि विवाद को लेकर आपस में मारपीट हो गई थी। उससे संबंधित मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन है। इस दौरान तीनों फिर रोजाना साथ उठने-बैठने लगे थे। देररात घर लौटना तीनों की आदत बन गई थी। सभाजीत व जग्गा पर पहले से ही दर्ज हैं आपराधिक मुकदमे

राजेंद्र राजभर को पीटकर मौत के घाट उतारने के दोनों आरोपितों के विरुद्ध पहले से ही मारपीट, जान से मारने की नीयत से हमला सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। स्वजनों ने की हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग, पुलिस का इन्कार

मृत राजेंद्र राजभर की पत्नी चंद्रावती व पुत्र अर्जुन ने पुलिस से हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। चंद्रावती का आरोप है कि आरोपित अक्सर राजेंद्र को मार डालने की धमकी देते थे। उसने पति को थाने में शिकायत करने की सलाह दी थी, लेकिन उसने दोस्ती का हवाला देते हुए अनसुनी कर दी थी। राजेंद्र की मौत से परिवार पर टूटा दुख का पहाड़

जागरण संवाददाता, सरपतहां (जौनपुर) : अरसियां गांव में सोमवार की रात साथियों की पिटाई से राजेंद्र राजभर की मौत से कच्ची गृहस्थी उजड़ गई। परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। छह बच्चों के सिर से पिता का साया हमेशा के लिए छिन गया। स्वजन के करुण-क्रंदन से पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया है।

मृत राजेंद्र राजभर के छह बच्चों में सबसे बड़ा बेटा अर्जुन है। इसके बाद दो बेटियां 15 वर्ष की ललिता व 12 वर्षीय सविता हैं। तीन अन्य पुत्रों में नौ वर्ष का सूरज, सात वर्ष का सोनू व चार वर्ष का आकाश है। मांग सूनी होने से रोते-रोते बेसुध हो जा रही चंद्रावती समझ नहीं पा रही हैं कि बाकी पहाड़ सरीखी जिदगी किसके सहारे गुजारेगी। कैसे बच्चों का पालन-पोषण करेगी। कैसे बेटियों के हाथ पीले करेगी। वृद्ध पिता सभाराम व मां इंद्रावती बुढ़ापे की लाठी टूट जाने से गमजदा हैं। दंपती शून्य में एकटक निहार रहे हैं। पत्नी चंद्रावती व बेटे अर्जुन को इसी बात का मलाल है कि आखिर बार-बार कहने के बावजूद राजेंद्र ने उनकी बात मानकर क्यों हत्यारोपितों से दूरी नहीं बनाई। यदि उनकी सलाह मानकर आरोपितों की धमकी को नजरअंदाज न करके पुलिस से शिकायत की होती तो शायद आज यह दिन न देखना पड़ता।

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