चौकी प्रभारी व सिपाहियों पर हत्या के प्रयास व छेड़खानी का केस दर्ज

जागरण संवाददाता जौनपुर सरायख्वाजा थाने में पूर्वांचल विश्वविद्यालय के तत्कालीन चौकी प्रभारी राज

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 07:03 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 07:03 PM (IST)
चौकी प्रभारी व सिपाहियों पर हत्या के प्रयास व छेड़खानी का केस दर्ज
चौकी प्रभारी व सिपाहियों पर हत्या के प्रयास व छेड़खानी का केस दर्ज

जागरण संवाददाता, जौनपुर: सरायख्वाजा थाने में पूर्वांचल विश्वविद्यालय के तत्कालीन चौकी प्रभारी राजेश कुमार सिंह व हमराही सिपाहियों के खिलाफ हत्या के प्रयास व छेड़खानी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। न्यायालय के नौ फरवरी को दिए गए आदेश का अनुपालन पुलिस ने तब किया जब एसपी को कोर्ट से नोटिस व थानाध्यक्ष पर अवमानना की कार्रवाई की।

थाना क्षेत्र की अनुसूचित जाति की महिला ने धारा 156 (3) के तहत अधिवक्ता चंद्रशेखर आजाद के माध्यम से कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। उसके मुताबिक उसका पुत्र सतीश छात्र है। हाथरस में सामूहिक दुष्कर्म व हत्या की घटना के विरुद्ध 14 अक्टूबर 2020 को क्षेत्र के लोग पूर्वांचल विश्वविद्यालय पुलिस चौकी के सामने धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। उसी समय सतीश घरेलू सामान खरीदने बाजार जा रहा था। पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों के साथ सतीश व अन्य की फोटो व वीडियो बना लिए। 15 अक्टूबर की शाम पांच बजे चौकी इंचार्ज राजेश कुमार सिंह दो-तीन सिपाहियों के साथ वादिनी के घर पहुंचे। कहा कि तुम्हारा बेटा नेता बनता है। चौकी के सामने प्रदर्शन कर रहा था। सतीश को पकड़कर ले जाने लगे। मना करने पर वादिनी व उसके पति को भी हिरासत में लेकर चौकी ले गए। वहां सतीश को पीटने लगे। वादिनी व पति बचाने लगे तो जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया। वादिनी के साथ छेड़खानी करते हुए अभद्रता की। फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। पिटाई से सतीश बेहोश हो गया। उसे उल्टी होने लगी। पुलिस चौकी पर काफी लोग पहुंच गए। पुलिस कर्मियों ने वादिनी के पति व पुत्र को धमकाकर सादे कागज पर दस्तखत करा लिया। सतीश का शांति भंग में चालान कर दिया। काफी दिनों तक इलाज के बाद सतीश की जान बची। पुलिस उच्चाधिकारियों से शिकायत करने पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब उसने अदालत से न्याय की गुहार लगाई थी। अपर सत्र न्यायाधीश (एससी-एसटी) कोर्ट के आदेश पर तत्कालीन चौकी के चौकी इंचार्ज व हमराही पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।

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