एसपी व थानाध्यक्ष समेत चार के खिलाफ वाद दर्ज
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत ने किशोरी के अपहरण व दुष्कर्म के मामले में चार आरोपितों समेत पुलिस अधीक्षक व थानाध्यक्ष बक्शा के विरुद्ध वाद दर्ज किया है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत ने किशोरी के अपहरण व दुष्कर्म के मामले में चार आरोपितों समेत पुलिस अधीक्षक व थानाध्यक्ष बक्शा के विरुद्ध वाद दर्ज किया है। एसपी व थानाध्यक्ष पर विधिक प्रविधानों की अवहेलना करने का आरोप है। कोर्ट ने बक्शा थाने से 18 फरवरी को रिपोर्ट तलब की है। आरोप है कि आरोपितों को बचाने के लिए पुलिस ने उनसे अनुचित लाभ लेकर सुलह-समझौते के लिए वादी पर दबाव बनाया।
बक्शा थाना क्षेत्र निवासी वादी ने कोर्ट में धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया। उसके मुताबिक नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली उसकी 15 वर्षीय पुत्री का गत सात फरवरी की सुबह छह बजे पड़ोसी दीपक ने तीन व्यक्तियों के सहयोग से अपहरण कर लिया। थाने में सूचना दिए जाने पर पुलिस आरोपित के घर वालों को थाने लाई। लड़की का पता फिरोजाबाद में चला। वहां जाकर वह बेटी को वापस लाया। बेटी ने बताया कि आरोपित ने उसके साथ दुराचार किया और जान से मारने की धमकी दी। थानाध्यक्ष ने न तो आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और न ही उसकी बेटी का मेडिकल मुआयना कराया। मुख्यमंत्री, डीजीपी व पुलिस अधीक्षक को दरखास्त देने पर भी आरोपित के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई। दुष्कर्म जैसे मामले में पुलिस का एफआइआर दर्ज करना विधिक रूप से अनिवार्य होता है। ऐसा न कर पुलिस अधिकारियों ने विधिक प्रविधानों की अवहेलना की है, जो दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। इसी पर अदालत ने यह कार्रवाई की।