चूड़ी मेले में 50 लाख से अधिक का होता है कारोबार

जागरण संवाददाता शाहगंज (जौनपुर) नगर के चूड़ी मोहल्ले में आयोजित होने वाला चूड़ी मेला पर

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 07:44 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 07:44 PM (IST)
चूड़ी मेले में 50 लाख से अधिक का होता है कारोबार
चूड़ी मेले में 50 लाख से अधिक का होता है कारोबार

जागरण संवाददाता, शाहगंज (जौनपुर): नगर के चूड़ी मोहल्ले में आयोजित होने वाला चूड़ी मेला परंपराओं और स्मृतियों को समेटे हुए है। यह मेला गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल भी है। इसमें मुसलमान व्यवसायी पीढि़यों से कारोबार करते चले आ रहे हैं। इनका इस मेले से व्यापारिक के साथ ही आत्मिक लगाव भी है। मेले में हर साल करीब पचास लाख रुपये से अधिक का कारोबार होता है। मेले में वाराणसी, सुल्तानपुर व आजमगढ़ से दुकानदार पहुंचे हैं।

कहा जाता है कि लंका पर विजय के बाद अयोध्या वापसी के बाद माता सीता ने यहां चूड़ी बाजार में पहुंचकर चूड़ी व श्रृंगार के सामानों की खरीदारी की थी। इसी को लेकर मेले का आयोजन करीब 155 वर्ष पूर्व से किया जा रहा है। मेले में वाराणसी के अलग-अलग क्षेत्रों के हाजी मोहम्मद, असलम, हाजी बाबू मोहम्मद, रहीम, मोहम्मद रिजवान, रहमत अली का परिवार पीढि़यों से चूड़ी व श्रृंगार के अन्य सामानों की दुकान लगाते चले आ रहा है। इसी परिवार के मोहम्मद साजिद उर्फ गुड्डू इस साल मेले में दुकान लेकर आए हैं। उनका कहना है कि इस मेले में हमारा व्यापार के साथ ही साथ आत्मिक लगाव है। अनुमान है कि सप्ताह भर चलने वाले इस मेले में करीब पचास लाख रुपये का कारोबार होता है। इसी तरह आजमगढ़ बिलरियागंज के मोहम्मद रियाज, शकील, रहमत अली पीढि़यों से मेले में अपनी दुकानें लगाते हैं। मेले में सुल्तानपुर के साथ ही स्थानीय व्यापारी दुकान लगाने आते हैं। इस मेले का इंतजार व्यापारी तो करते ही हैं साथ ही खरीदारी को लेकर महिलाएं भी काफी उत्साहित रहती हैं। साल भर इस मेले का इंतजार करती हैं।

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