सुलझने की बजाय उलझती जा रही 1740 गांवों की आडिट
जागरण संवाददाता जौनपुर वर्ष 2019-20 की आडिट प्रक्रिया सुलझने की बजाय उलझती जा रही है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: वर्ष 2019-20 की आडिट प्रक्रिया सुलझने की बजाय उलझती जा रही है। इसे मार्च तक पूर्ण कर लिया जाना था, लेकिन कभी साफ्टवेयर की समस्या तो कभी दक्षता के अभाव में प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। अब इसे दोबारा शुरू करने की तैयारी है। इसके लिए सभी सचिवों को रिमाइंडर भेजा जा रहा है, ताकि आडिट के दौरान अभिलेख मिल सके। इसमें जिला पंचायत कार्यालय की ओर से भी सहयोग मांगा गया है। आडिट में मिलने वाली किसी भी गड़बड़ी पर संबंधित सचिवों सहित तत्कालीन प्रधानों की जिम्मेदारी होगी।
नौ नवंबर से की गई थी शुरुआत
ग्राम पंचायतों में आनलाइन आडिट की शुरुआत नौ नवंबर से की गई थी। इसमें सचिवों व तत्कालीन प्रधानों का सहयोग नहीं मिल सका, जिसके बाद इसे कुछ समय के लिए रोक दिया गया। लेखा विभाग से पंचायत सचिवों को आनलाइन आडिट को लेकर जरूरी जानकारी उपलब्ध कराई गई। वहीं पंचायत विभाग की ओर लैपटाप की व्यवस्था की गई। काफी जद्दोजहद के बाद वर्ष 2018-19 की आडिट पूरी की गई, लेकिन 20-21 की शुरुआत नहीं हो सकी।
पारदर्शिता को उठाया कदम
निदेशक पंचायतीराज की ओर से सभी ग्राम पंचायतों में शत- प्रतिशत लेखा परीक्षा कराए जाने के निर्देश के बाद यह कार्य कराया जा रहा है। इसके पूर्व आडिट आफलाइन की जाती थी, जिसमें कई तरह की जटिलताएं थीं। इसमें काफी वक्त लगता था व रिपोर्ट भी निर्धारित समय में नहीं तैयार हो पाती थी। बोले अधिकारी..
कर्मचारियों की कमी की वजह से यह प्रक्रिया प्रभावित हुई। 12 कर्मचारी कोरोना ड्यूटी में कार्य कर रहे हैं। पंचायत सचिवों को वर्ष 2019-20 के आडिट के दौरान उपलब्ध रहने व अभिलेख प्रस्तुत कराने की सूचना दे दी गई है। जल्द ही इसे पूरा किया जाएगा।
-चंद्रभूषण, जिला लेखा परीक्षा अधिकारी।