आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को रास नहीं आ रहा स्मार्ट फोन

जागरण संवाददाता जौनपुर कार्य में पारदर्शिता का हवाला देते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 04:48 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 04:48 PM (IST)
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को रास नहीं आ रहा स्मार्ट फोन
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को रास नहीं आ रहा स्मार्ट फोन

जागरण संवाददाता, जौनपुर: कार्य में पारदर्शिता का हवाला देते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन भले ही मुहैया करा जा रहा है, लेकिन तकनीकी जानकारी के अभाव में उनको यह व्यवस्था रास नहीं आ रही है। मोबाइल चलाना न जानने के चलते वह इससे काम नहीं कर पा रही हैं।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अब सभी तरह के आंकड़ों की फीडिग रजिस्टर की बजाय आनलाइन करनी है, लेकिन अधिकांश को इसके लिए ट्रेनिग ही नहीं दी गई है। ऐसे में उनकी समस्या कम होने की बजाय और बढ़ गई है। ब्लाकों को पेपरलेस करने की मुहिम में आनलाइन साफ्टवेयर पर कार्य करने को कहा जा रहा है, जिसे लेकर कार्यकर्ताओं को दिक्कत हो रही है।

5321 हैं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

मौजूदा समय में 5321 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं, जिसमें अधिकारियों समेत जनप्रतिनिधियों की ओर से लगभग चार हजार कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन दिया जा चुका है। स्मार्ट फोन देने का मुख्य उद्देश्य सभी तरह के कार्यों को आनलाइन कराना है। लाभार्थियों की फीडिग से लेकर अन्य सभी जरूरी जानकारी अब रजिस्टर के स्थान पर मोबाइल से ही भरा जाना है। इसका मुख्य उद्देश्य कार्यों में तेजी लाना है। इसके साथ ही कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों का पूरा डाटा भी इसमें लोड करना है। इस व्यवस्था के कई फायदे भी हैं। सभी जानकारी आनलाइन होने की वजह से जरूरत पड़ने पर इसे एक ही क्लिक पर जाना जा सकेगा, लेकिन इसके लिए जरूरी है आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल के संचालन में दक्ष करने की।

बोले अधिकारी..

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इस नई व्यवस्था को लेकर प्रशिक्षित कराया जाएगा। पोषण ट्रैकर पर बहुत पहले ही सूचनाओं को अपलोड कराया जा चुका है। विभाग का सिम नए मोबाइल में लगाते ही अधिकांश जानकारी तुरंत प्राप्त हो जाएगी। यदि इसके बाद भी कोई दिक्कत आएगी तो उसे दूर कराया जाएगा। पूर्ण रूप से इसमें अभी दो माह का वक्त लग जाएगा।

-दीपक चौबे, प्रभारी सीडीपीओ।

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