मुकदमे को लेकर अधिवक्ता व तहसील कर्मचारी आमने-सामने

अधिवक्ताओं व तहसील कर्मियों के बीच उत्पन्न गतिरोध फिलहाल दूर होने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। आरोपित अधिवक्ता की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कर्मचारियों ने सोमवार को पांचवें दिन भी कामकाज ठप रखकर तहसील परिसर में धरना-प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 12:10 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 12:10 AM (IST)
मुकदमे को लेकर अधिवक्ता व तहसील कर्मचारी आमने-सामने
मुकदमे को लेकर अधिवक्ता व तहसील कर्मचारी आमने-सामने

जागरण संवाददाता, शाहगंज (जौनपुर) : अधिवक्ताओं व तहसील कर्मियों के बीच उत्पन्न गतिरोध फिलहाल दूर होने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। आरोपित अधिवक्ता की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कर्मचारियों ने सोमवार को पांचवें दिन भी कामकाज ठप रखकर तहसील परिसर में धरना-प्रदर्शन किया। वहीं, दूसरी तरफ मुकदमे को फर्जी करार देते हुए आंदोलनरत वकीलों ने एसडीएम व कोतवाल को ज्ञापन देकर पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की।

गत बुधवार को एक मुकदमे की पत्रावली को लेकर अधिवक्ता सुभाष चंद यादव व तहसीलदार न्यायालय के अनुसेवक राकेश पासवान के बीच कहासुनी हो गई थी। अगले दिन गुरुवार को कर्मचारी लामबंद होकर कोतवाली पहुंचे। राकेश पासवान की तहरीर पर पुलिस ने सुभाष चंद यादव के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। सुभाष चंद्र यादव की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कर्मियों का धरना-प्रदर्शन सोमवार को भी जारी रहा।

तहसील कर्मियों ने कहा कि जब तक अधिवक्ता की गिरफ्तारी नहीं होगी, वे कामकाज नहीं करेंगे। उधर, साथी अधिवक्ता के विरुद्ध दर्ज मुकदमे को लेकर आक्रोशित वकीलों ने तहसील अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राजदेव यादव के नेतृत्व में सोमवार को एसडीएम राजेश कुमार वर्मा व कोतवाली प्रभारी निरीक्षक धर्मवीर से भेंटकर ज्ञापन सौंपा और पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की।

तहसील प्रशासन पर अधिवक्ता के विरुद्ध मनगढ़ंत एफआइआर कराने का आरोप लगाया। कहा कि अधिवक्ता का विवाद प्राइवेट कर्मचारी के साथ हुआ था। पूरी सच्चाई जानते हुए भी साजिश के तहत अनुसूचित जाति के सरकारी कर्मचारी को मोहरा बनाकर सुभाष यादव के विरुद्ध एससी-एसटी व अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया। ज्ञापन में दोषी कर्मचारी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई है।

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