6,565 अभ्यर्थियों ने छोड़ी बीएड प्रवेश परीक्षा
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध चार जनपदों में हुई संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा में 80 हजार 388 अभ्यर्थियों को सम्मिलित होना था। जिसमें छह हजार 565 ने परीक्षा छोड़ दी। परीक्षा के लिए कुल 196 केंद्र बनाए गए थे। केंद्रों पर परीक्षा सीसीटीवी कैमरे से निगरानी में हुई। इसके अलावा कोरोना संक्रमण से बचाव के मद्देनजर कोरोना किट भी सभी केद्रों पर उपलब्ध रही।
जागरण संवाददाता, मल्हनी (जौनपुर): वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध चार जनपदों में हुई संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा में 80 हजार 388 अभ्यर्थियों को सम्मिलित होना था। जिसमें छह हजार 565 ने परीक्षा छोड़ दी। परीक्षा के लिए कुल 196 केंद्र बनाए गए थे। केंद्रों पर परीक्षा सीसीटीवी कैमरे से निगरानी में हुई। इसके अलावा कोरोना संक्रमण से बचाव के मद्देनजर कोरोना किट भी सभी केद्रों पर उपलब्ध रही। इसके साथ ही कोविड प्रोटोकाल व निर्देशों का पूर्ण पालन कराया गया।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर व जौनपुर जनपद में कुल 80 हजार 388 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। सिर्फ जौनपुर में 28 हजार 500 अभ्यर्थियों के लिए 67 परीक्षा केंद्र बनाया गया था। जौनपुर में दोनों पालियों की परीक्षा में 2,205 अभ्यर्थियों ने परीक्षा छोड़ दी। गाजीपुर में 1,393, आजमगढ़ 2,014, मऊ में 953 अभ्यर्थियों ने परीक्षा छोड़ दिया। प्रथम पाली की परीक्षा सुबह नौ बजे से 12 बजे तक और दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक चली। चार जिले में कुल 196 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की गई। प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर दो-दो पर्यवेक्षक लगाए गए थे। विश्वविद्यालय परिसर के उमानाथ सिंह इंजीनियरिग संस्थान और प्रो. राजेंद्र सिंह रज्जू भैया भौतिकीय संस्थान केंद्रों पर कुलपति प्रो. निर्मला एस.मौर्या ने निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सभी कक्षों में पहुंच कर परीक्षा व्यवस्था को देखा। उन्होंने केंद्राध्यक्षों को सख्त हिदायत दी कि हर हाल में शुचितापूर्ण परीक्षा संपन्न हो। सहायक कुलसचिव दीपक सिंह, लक्ष्मी प्रसाद मौर्य शामिल थे।
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बीएड प्रवेश परीक्षा में पूरी पारदर्शिता बरती गई। जिले के एक केंद्र पर गलती से पर्यवेक्षक को बदल दिया गया था। कई अन्य के स्थान में परिवर्तन इसलिए करना पड़ा चूंकि कुछ शिक्षक जहां पर नौकरी किए थे, वहीं पर पर्यवेक्षक बना दिया गया था, इसलिए जानकारी होने पर अचानक उन्हें बदलना पड़ा। भेदभाव व लापरवाही का आरोप बेबुनियाद निराधार है।
-अमृतलाल पटेल, समन्यवक, बीएड प्रवेश परीक्षा, पूर्वाचल विश्वविद्यालय। आरोप निराधार
बीएड प्रवेश परीक्षा में पर्यवेक्षक नियुक्त करने में भेदभाव के आरोप निराधार मनगढ़ंत हैं। हमने अपने कालेज के शिक्षकों को हटाकर दूसरे कालेज के शिक्षकों को ड्यूटी में लगाया था। अपने कालेज के परीक्षा केंद्र तक भी नहीं गए।
-डा. एसपी सिंह, सह-समन्यवक, बीएड प्रवेश परीक्षा पूर्वांचल विश्वविद्यालय।