शिक्षक पात्रता परीक्षा में अनुपस्थित रहे 3817 अभ्यर्थी

प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्तर की शिक्षक पात्रता परीक्षा रविवार को संपन्न हुई। परीक्षा के दौरान प्रशासनिक अमला पूरी तरह से चाक-चौबंद रहा। दो पालियों में परीक्षा में 3

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 07:24 PM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 10:28 PM (IST)
शिक्षक पात्रता परीक्षा में अनुपस्थित रहे 3817 अभ्यर्थी
शिक्षक पात्रता परीक्षा में अनुपस्थित रहे 3817 अभ्यर्थी

जागरण संवाददाता, जौनपुर: प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्तर की शिक्षक पात्रता परीक्षा रविवार को संपन्न हुई। परीक्षा के दौरान प्रशासनिक अमला पूरी तरह से चाक-चौबंद रहा। दो पालियों में परीक्षा में 3817 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। रात को कड़ी सुरक्षा के बीच कापियां इलाहाबाद भेजी गईं।

प्राथमिक स्तर की प्रथम पाली में हुई परीक्षा में पंजीकृत 35420 अभ्यर्थियों में 2267 गैरहाजिर रहे। परीक्षा के लिए 52 केंद्र बनाए गए थे, वहीं द्वितीय पाली उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा अपराह्न तीन से शाम 5.30 बजे तक 18 केंद्रों पर हुई। परीक्षा में 14764 परीक्षार्थियों में 1550 अनुपस्थित रहे। प्रशासनिक अमला परीक्षा को चुनौती के रूप में लेते हुए चौकन्ना रहा। कोषागार के डबल लॉक से प्रश्नपत्र केंद्रों तक पहुंचाने और परीक्षा कापियां जमा करने तक वीडियो रिकार्डिंग कराई गई। इस दौरान स्टैटिक मजिस्ट्रेट व पर्यवेक्षकों के अलावा 13 सचलदस्ता, दो जोनल व सुपर जोनल मजिस्ट्रेट निगहबानी करते रहे।

निरीक्षण के दौरान कई केंद्रों पर सी¨टग प्लान में खामी देख जिला विद्यालय निरीक्षक ने नाराजगी जताई। प्रमाणपत्र साथ न लाने के कारण कई परीक्षार्थियों को परीक्षा से वंचित होना पड़ा है। इसे लेकर कई केंद्रों पर तकरार भी हुई।

भीषण जाम की चपेट में रहा नगर

जौनपुर:शिक्षक पात्रता परीक्षा के चलते नगर दिनभर भीषण जाम की चपेट में रहा। दूर-दराज से आए परीक्षार्थी जाम में फंसने के कारण भागते हुए अंतिम समय में केंद्रों पर पहुंचे। वहीं प्राथमिक व उच्च प्राथमिक परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले कई परीक्षार्थी परीक्षा से वंचित हो गए। अधिकांश का अलग-अलग केंद्र एलाट था। तिलकधारी महाविद्यालय का दक्षिणी गेट बंद होने से सैकड़ों परीक्षार्थियों को जहां घूमकर पैदल आना पड़ा वहीं बड़ी संख्या में लोग गेट से चढ़कर अंदर आए। महाविद्यालय प्रशासन के इस रवैये से जनमानस में आक्रोश दिखा। परीक्षा के चलते मरीजों व आम नागरिकों को भी दुश्वारियों का सामना करना पड़ा। सभी को जिला प्रशासन की व्यवस्था को कोसते नजर आए।

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