3500 करोड़ के घोटालेबाज का गांव व परिवार से नहीं है नाता
जौनपुर थाना क्षेत्र का रमनीपुर गांव अचानक न सिर्फ सूबे बल्कि पूरे
जागरण संवाददाता, खुटहन (जौनपुर): थाना क्षेत्र का रमनीपुर गांव अचानक न सिर्फ सूबे बल्कि पूरे देश में सुर्खियों में आ गया है। कारण है लखनऊ के 3500 करोड़ के बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले के मुख्य आरोपित बीएन तिवारी उर्फ बद्री नारायण का यह गृह गांव है। आखिरी बार आठ साल पूर्व आए बीएन तिवारी का गांव तो दूर स्वजन से भी कोई सरोकार नहीं है। गांव के लोगों को गिरफ्तारी के बाद पता चला तो उन्होंने दांतों तले उंगली दबा ली।
पांच भाइयों में दूसरे नंबर का बीएन तिवारी स्नातक तक की पढ़ाई गांव में रहकर पूरी करने के बाद पैसे वाला बनने की धुन सवार होने पर करीब तीन दशक पूर्व लखनऊ गया तो वहीं का होकर रह गया। लगभग 10 साल पहले पिता फिर उसके दो साल बाद मां की मौत हो जाने पर ही बीएन तिवारी घर आया था। गांव के अधिकांश लोग उसे पहचानते भी नहीं। घर पर रहने वाले एक भाई की माली हालत अच्छी नहीं है। रूखे व्यवहार के कारण स्वजन भी उससे कोई सरोकार नहीं रखते।
वर्षो पूर्व बीएन तिवारी ने सहयोगियों संग मिलकर एक प्रोजेक्ट तैयार किया। इसे बाइक बोट अर्थात (बिजली से संचालित स्कूटर) नाम दिया। लोगों को बताया कि मेरी कंपनी यह स्कूटर बना रही है, जो जल्द ही बाजार में आने वाली है। एडवांस पैसा जमा करने पर ही इसकी बुकिग होगी। बुकिग कराने वाले ग्राहकों को दाम में रियायत देने का सपना दिखाकर हजारों लोगों से 10 से 20 हजार रुपये पेशगी के तौर पर ले लिए। एक न्यूज चैनल का मालिक होने के नाते लोगों ने जल्द भरोसा कर लिया। वर्षो बाद जब ग्राहकों को स्कूटर नहीं मिली तो उन्होंने लखनऊ में उसके विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई। तक 3500 करोड़ का घोटाला सामने आया।