19.50 लाख की ठगी के आरोपित पुलिस गिरफ्त से दूर
अनुकंपा नियुक्ति कराने के बहाने साढ़े 19 लाख रुपये की ठगी करने के आरोपित करीब दो माह बाद भी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सके हैं। मछलीशहर कोतवाली पुलिस आरोपितों की तलाश लगातार कर रही है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: अनुकंपा नियुक्ति कराने के बहाने साढ़े 19 लाख रुपये की ठगी करने के आरोपित करीब दो माह बाद भी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सके हैं। मछलीशहर कोतवाली पुलिस आरोपितों की तलाश लगातार कर रही है। कोतवाली क्षेत्र के रायपुर गांव निवासी बुधिराम मौर्य मुंबई में एमटीएनएल में नौकरी करते थे। वर्ष 2014 में सेवाकाल में ही उनका देहांत हो गया। उनके पुत्र बृजेश कुमार मौर्य मृतक आश्रित के तौर पर उनकी जगह अनुकंपा नियुक्ति के लिए प्रयासरत थे। आरोप है कि इसी बीच मुंबई में कारोबार करने वाला अधकचा गांव का सुरेश कुमार मौर्य व उसी के गांव के लालचंद मौर्य व राम कृपाल मौर्य से उनकी मुलाकात हो गई। तीनों ने मुंबई में एमटीएनएल में अधिकारियों के बीच अच्छी पैठ और एक मंत्री से निकटता होने की बात कहते हुए नौकरी दिलाने का वादा किया। उनके झांसे में आकर बृजेश व उनके चाचा गंगाराम मौर्य ने कई किस्तों में सुरेश मौर्य के पिता राम कृपाल को 19.50 लाख रुपये दे दिया। नौकरी नहीं मिली। कुछ दिन पूर्व आरोपितों ने नौकरी लगवाने व रुपये लौटाने से इन्कार कर दिया। चाचा गंगाराम मौर्य की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने तीनों आरोपितों के विरुद्ध धोखाधड़ी, अमानत में खयानत, गाली-गलौच व जान से मार डालने की धमकी का गत 28 फरवरी को दर्ज किया, लेकिन आरोपितों को आज तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक दिनेश प्रकाश पांडेय का कहना है कि मुख्य आरोपित मुंबई रहता है। अन्य की तलाश में कई बार दबिश दी गई, कितु वे हाथ नहीं लग सके हैं।