बैंक कर्मियों की हड़ताल से मजदूर पाई-पाई को परेशान
संवाद सूत्र, महेबा : तीसरे दिन भी इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक के कर्मचारियों की हड़ताल रहने
संवाद सूत्र, महेबा : तीसरे दिन भी इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक के कर्मचारियों की हड़ताल रहने से ग्रामीण क्षेत्र की मुसमरिया, चुर्खी, दमरास व कालपी शाखा के जाबकार्ड धारक मजदूर अपनी मजदूरी निकालने को भटकते रहे। लगातार पांच दिन ग्रामीण बैंकों के बंद रहने से किसान व दिहाड़ी मजदूर एक-एक पाई को परेशान हैं।
इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंकों की लगातार तीसरे दिन बंदी रहने से रोज खाने कमाने वाले दिहाड़ी मजदूरों का जाबकार्ड का जमा धन न निकल पाने से मजदूरों के सामने रोजी रोटी की समस्या पैदा हो गयी है। मंगरौल के जाबकार्ड धारकों ने बताया कि सप्ताह में एक दिन बैंक से रुपये निकालकर हफ्ते भर घर का खर्चा चलाते हैं। पिछले सप्ताह शनिवार को भी बैंक की छुट्टी पड़ गयी इसके बाद इस सप्ताह में सोमवार से कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी। पांच दिन हो गए ग्रामीण बैंकों से धन की निकासी नहीं हो रही है। दमरास के किसान रामऔतार ने बताया कि इस समय रबी की फसल की मढ़ाई कटाई कर रही है। जिसके लिए किसानों को रोज मजदूरों व थ्रेशर वालों को रुपयों की जरूरत पड़ती है। पांच दिन से बैंके बंद होने की वजह से किसान एक-एक पाई के लिए परेशान हैं।
दिहाड़ी मजदूरों की बढ़ी परेशानी
दमरास निवासी चंद्रशेखर ने बताया कि हाड़तोड़ मेहनत करने के बाद मनरेगा की मजदूरी खाते में जमा होती है। लगातार बैंक बंद रहने से साग सब्जी खरीदने तक धेला नहीं है। खड़गुई निवासी विनोद कुमार ने बताया कि सप्ताह में एक बार रुपये निकालते है। बकाया दिन काम करते हैं। पिछले सप्ताह भी रुपया न निकाल पाने से अब वह परेशान हैं।
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धामिनी निवासी डोलू ने बताया कि मजदूरी करके बड़ी मुश्किल से जीविका चलाने के लिए मनरेगा की मजदूरी मिलती है। वह भी बैंक से नहीं निकल पा रही है।
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मलथुआ के जगदंबा ने बताया कि अगर वह जानते होते कि हड़ताल होनी है तो पिछले हफ्ते 15 दिन के लिए बैंक से रुपया निकाल लेते। सुना है कि अब 2 अप्रैल तक बैंक बंद रहेगी।