राशन की दुकानें संचालित कर आत्मनिर्भर बनेंगी महिलाएं

जिले मे विभिन्न क्रय एजेंसियों का माध्यम से की गइ

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Aug 2020 11:30 PM (IST) Updated:Thu, 20 Aug 2020 11:30 PM (IST)
राशन की दुकानें संचालित कर आत्मनिर्भर बनेंगी महिलाएं
राशन की दुकानें संचालित कर आत्मनिर्भर बनेंगी महिलाएं

धनंजय त्रिवेदी, उरई:

स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अब सिर्फ अपना उत्पाद बनाकर ही नहीं बल्कि राशन की दुकानें संचालित आत्मनिर्भर बनेंगी। जनपद में जो भी निरस्त कोटे की दुकानें हैं उनका आवंटन समूहों को किया जाएगा। जल्दी ही चयन किए जाने की उम्मीद है।

महिलाओं को स्वावलंबी बनाकर आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे है। कई समूहों की महिलाएं सरकारी कार्यालय परिसरों में कैंटीन का संचालन कर रही हैं। इसके साथ ही परिषदीय स्कूलों के बच्चों की ड्रेस सिलाई, मॉस्क बनाने का काम भी कई समूहों की महिलाओं को दिया गया है। जो समूह उत्पाद बना रहें उनकी बिक्री के लिए भी बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में काम चल रहा है। अब तय किया गया है कि जिले में जो भी राशन की दुकानें निरस्त हैं उनका आवंटन समूहों की महिलाओं को कर दिया जाए। इसके लिए कार्यवाही शुरू की जा चुकी है। जल्दी ही आवंटन भी हो जाएगा। वर्तमान में 36 कोटे की दुकानें जनपद भर में रिक्त हैं। जिसमें से 16 पंचायतों से आवेदन डीसी एनआरएलएम के पास आए हैं। इनको संबंधित एसडीएम के पास नियमानुसार कार्यवाही के लिए भेजा जा रहा है।

समूहों को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। जो कोटे की दुकानें निरस्त चल रही हैं वह समूहों को दी जाएंगी। इसके लिए जिलाधिकारी ने सभी एसडीएम को पत्र जारी कर दिया है।

अशोक कुमार गुप्ता, डीसी, एनआरएलएम

chat bot
आपका साथी