पत्नी का भरण-पोषण प्रार्थना पत्र खारिज, हर्जाना भी लगाया

जासं झांसी अतिरिक्त न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय ममता गुप्ता ने भरण-पोषण प्रार्थना पत्र में गलत तथ्य

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 10:33 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 10:33 PM (IST)
पत्नी का भरण-पोषण प्रार्थना पत्र खारिज, हर्जाना भी लगाया
पत्नी का भरण-पोषण प्रार्थना पत्र खारिज, हर्जाना भी लगाया

जासं, झांसी : अतिरिक्त न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय ममता गुप्ता ने भरण-पोषण प्रार्थना पत्र में गलत तथ्य देने पर प्रार्थना पत्र खारिज करते हुए पति को 10 हजार रुपये हर्जाना देने के आदेश दिए।

अभियोजन पक्ष के अनुसार सोनिया आदि निवासी कस्बा थाना एट (जालौन) व हाल निवासी सीपी मिशन कंपाउंड ने भरण-पोषण दिलाने के लिए प्रार्थना-पत्र देते हुए बताया कि उसकी शादी हिदू रीति-रिवाज से हैप्पी उर्फ जितेन्द्र निवासी सीपी मिशन कंपाउंड से 3 मार्च 2014 को हुई थी। शादी के बाद से ही उसकी सास मोटरसाइकिल की मांग करने लगी। उसके पिता ने आकर समझाया और कुछ समय बाद मांग पूरी करने को कहा। 23 अप्रैल 2016 को उसने एक पुत्री को जन्म दिया। लड़की पैदा होने के बाद ससुरालीजन उसे अस्पताल में अकेला छोड़कर चले गए। दहेज की मांग पूरी करने पर ही ससुराल लाने की बात कही। 5 मई 2016 से वह अपने माता-पिता के साथ अपनी पुत्री के साथ रह रही है। उसके पास आय का कोई जरिया नहीं है। इसके जवाब में बताया गया कि उसकी पत्नी के माता-पिता व भाइयों ने मिलकर उसके मकान पर कब्जा कर लिया और उसके व्यापार के 5 लाख की पूंजी हड़प गए। प्रार्थी ने भी कहा कि दहेज उत्पीड़न की रिपोर्ट लिखाते समय वह मायके में थी और उसके बाद वह ससुराल में आ गयी और अभी ससुराल में ही रह रही है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने माना कि केवल मोटरसाइकिल की मांग को पूरा करने के जिद पर अड़े रहकर कोई अपना मकान नहीं गंवा देगा। वह कोई भी अनुतोष पाने की अधिकारिणी नहीं है। न्यायालय ने सोनिया के प्रार्थना पत्र को 10 हजार रुपये के हर्जाने पर खारिज कर दिया। हर्जाना 10 दिन में न्यायालय में विपक्षी के नाम पर जमा करने के आदेश दिए। हर्जाना जमा नहीं करने पर वसूली के तहत धनराशि जमा कराने को कहा।

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