जान के दुश्मन बने पानी भरे गड्ढे

संवाद सहयोगी जालौन मिट्टी के नाम पर तहसील क्षेत्र में जमकर लूट हुई। ठेकेदार से लेकर अनुमति दिलाने वाले सभी की बल्ले बल्ले है। सेटिग गेटिग का खेल देखिए ठेकेदार ने जबरन किसान खेत से अनुमति से ज्यादा मिट्टी उठा ली तथा खेत को तालाब बना दिया। किसान ने जब इसकी शिकायत की तो ठेकेदार ने राजस्व अधिकारी से मिलकर किसान को ही नोटिस थमवा दिया। अब खेत बने तालाब जानवरों के साथ इंसानों के जानलेवा साबित हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 13 Aug 2021 06:36 PM (IST) Updated:Fri, 13 Aug 2021 06:36 PM (IST)
जान के दुश्मन बने पानी भरे गड्ढे
जान के दुश्मन बने पानी भरे गड्ढे

संवाद सहयोगी, जालौन : मिट्टी के नाम पर तहसील क्षेत्र में जमकर लूट हुई। ठेकेदार से लेकर अनुमति दिलाने वाले सभी की बल्ले बल्ले है। सेटिग गेटिग का खेल देखिए ठेकेदार ने जबरन किसान खेत से अनुमति से ज्यादा मिट्टी उठा ली तथा खेत को तालाब बना दिया। किसान ने जब इसकी शिकायत की तो ठेकेदार ने राजस्व अधिकारी से मिलकर किसान को ही नोटिस थमवा दिया। अब खेत बने तालाब जानवरों के साथ इंसानों के जानलेवा साबित हो रहे हैं।

बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के निर्माण में प्रयोग हो रही मिट्टी के ठेकेदार नियम कानून को ठेंगा दिखा रहे हैं। उन्हें कानून का पालन कराने वालों का भय है। कानून को ठेंगा दिखाकर मिट्टी की अवैध खुदाई करा रहे हैं। आलम यह है कि सरकारी मानक से 3 गुना 30-35 फुट तक गहरी मिट्टी खोद रहे हैं। जिसके कारण खेत तालाब बन रहे हैं। चूंकि मामला मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट का है इसलिए किसान भी आवाज नहीं उठा पा रहे हैं। ग्राम सिकरी राजा, सालाबाद, सुढ़ार, खनुवां, कुठौंद क्षेत्र के जमुलापुर, दौन आदि ऐसे गांव हैं जहां पर मिट्टी ठेकेदारों ने खेतों को 30-40 फुट गहरे तालाब बना दिए हैं। चकरोड़ के किनारे के खेत तालाब बनने से बरसात में चकरोड़ों का अस्तित्व खतरे में है। खेतों में भरा पानी जानवरों के इंसानों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। सिकरी राजा निवासी अमित रजक की खेत में डूबने से मौत हो गई। इसके बाद भी प्रशासन ने इन ठेकेदारों को अभयदान दे रखा है। फर्जी अनुमति पत्र बनाकर हो रही मिट्टी की खोदाई

मिट्टी खुदाई की अनुमति अपर जिलाधिकारी कार्यालय से जारी होती है। तहसील में संविदा पर नियुक्त एक कर्मचारी मिट्टी की अनुमति की फाइल में हेरफेर कर रहा है। यह कर्मचारी फर्जी एडीएम की अनुमति ठेकेदार को बना देता है तथा इसके नाम पर ठेकेदार से मोटी रकम भी ऐंठता है। अगर एडीएम कार्यालय से जारी हुई अनुमतियों व मिट्टी उठाने वाले खेतों की जांच हो जाए तो सच सबके सामने आ जाएगा। अपर जिलाधिकारी पूनम निगम ने बताया कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है। वह जानकारी करके नियमानुसार कार्रवाई कराएंगी।

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