ब्लाक प्रमुख सीट के लिए धनबल का होने लगा प्रयोग
संवाद सहयोगी कोंच विकास खंड नदीगांव के ब्लॉक प्रमुख का चुनाव हमेशा से धनबल एवं बाहुबल से जीता जाता है। इस बार भी चुनाव जीतने के लिए जोर आजमाइश शुरू हो गयी है। इस बार तो पुलिस प्रशासन को सीधा चेलेंज ही दे दिया गया। मतगणना स्थल पर ही पुलिस की मौजूदगी में विजयी हुए प्रत्याशी के अपहरण की कोशिश की गई। बाद में पुलिस ने कई दिन बीत जाने के बाद घटना का मुकदमा दर्ज किया है।
संवाद सहयोगी, कोंच : विकास खंड नदीगांव के ब्लॉक प्रमुख का चुनाव हमेशा से धनबल एवं बाहुबल से जीता जाता है। इस बार भी चुनाव जीतने के लिए जोर आजमाइश शुरू हो गयी है। इस बार तो पुलिस प्रशासन को सीधा चेलेंज ही दे दिया गया। मतगणना स्थल पर ही पुलिस की मौजूदगी में विजयी हुए प्रत्याशी के अपहरण की कोशिश की गई। बाद में पुलिस ने कई दिन बीत जाने के बाद घटना का मुकदमा दर्ज किया है।
82 क्षेत्र पंचायत सदस्यों वाले नदीगांव ब्लाक प्रमुख का पद इलाके में राजनीतिक रसूख को दर्शाता है। इस पद पर बीते कई सालों से अभिमन्यु सिंह का दबदबा रहा है। पद आरक्षण की किसी भी श्रेणी का हो लेकिन उनका हस्तक्षेप हमेशा रहा है। इस बार उनकी पत्नी ग्राम सलैया खुर्द से निर्विरोध निर्वाचित हुई हैं। उनके छोटे भाई मानवेद्र की भी पत्नी ग्राम गोवर्धनपुरा से निर्विरोध चुन कर पहुंची हैं और वह पूरा जोर ब्लाक प्रमुख के पद पर पहुंचने के लिए लगा भी रहे हैं। इस इलाके में ब्लाक प्रमुख का पद इलाके में व्यक्ति की राजनीतिक रसूख को भी दर्शाता है लेकिन इस बार विधायक मूलचंद निरंजन की भी नजर ब्लाक प्रमुख के पद पर है। वह जिस गांव महतवानी के मूल निवासी हैं वह नदीगांव विकास खंड के अंतर्गत ही आता है। उनकी पुत्र वधू भी ग्राम भेंड़ से निर्विरोध बीडीसी बनी हैं। इलाके के कुछ और भी राजनीतिक हस्तियां इस पद पर बैठने की कोशिश में हैं। यही कारण है कि ब्लाक प्रमुख का पद पाने के लिए मतगणना के दिन से ही जोर आजमाइश शुरू हो गयी है। ग्राम तीतरा खलीलपुर के जिस एमएसडी महाविद्यालय में मतगणना हो रही थी तो कुछ लोगों ने ग्राम धनोरा से विजयी हुए बीडीसी रमेश चंद्र रजक का अपहरण का प्रयास में पकड़कर कार में डालने की कोशिश का जब उसने विरोध किया तो भारी भीड़ जमा हो गई। तब पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा था। अब पुलिस ने 25 अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा भी पीड़ित की शिकायत पर दर्ज किया है। हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब बीडीसी के उठाने का प्रयास हुआ हो इसके पूर्व भी चुनाव के समय ऐसी घटनाएं हुई हैं। धनबल के साथ बाहुबल के लिए मशहूर इस चुनाव को जीतने की कोशिशें शुरू हो गयी हैं।