बोरवेल का निर्माण न होने से मुसीबत बना अंडरपास
जागरण संवाददाता उरई करमेर अंडरपास का निर्माण ढाई करोड़ की लागत से कराया गया ह
जागरण संवाददाता, उरई : करमेर अंडरपास का निर्माण ढाई करोड़ की लागत से कराया गया है। जिसमें बोरवेल भी दोनों तरफ बनना था। जिससे पानी की समस्या का समाधान हो सके, लेकिन ऐसा नही किया गया। इस वजह से ग्रामीण बारिश के समय भारी परेशानी का सामना कर रहे हैं।
करमेर अंडरपास में 40 लाख रुपये की लागत से एक टीनशेड भी बनना है। जिससे यह अंडरपास पूरी तरह से कबर्ड हो सके, लेकिन यह निर्माण कार्य अभी तक नहीं किया जा सका है। जबकि झांसी-कानपुर रेलखंड का लगभग दोहरीकरण का कार्य पूरा होने वाला है। वहीं, जो अंडरपास बनाया गया है। वह भी मानक के अनुरूप नहीं है। आसपास खेतों का पानी अंडरपास में प्रवेश कर रहा है।
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बारिश होने पर इन गांवों को होती अधिक परेशानी :
इस अंडरपास में जलभराव होने के कारण ग्राम अजनारा, करमेर, मिनौरा, संधी, बमौरी, पुरवा, अकोढ़ी, रिरुआ व बरदर के ग्रामीण सबसे ज्यादा परेशान होते हैं। बारिश होने पर बनाए गए अंडरपास से ग्रामीण निकल नहीं पाते हैं। जिसकी वजह से ट्रैक पार करने को विवश हो जाते हैं।
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बोले राहगीर :
तीन दिन बाद पानी की समस्या हो सकी दूर :
बरसात के तीन दिन बाद अब ग्रामीणों को थोड़ा सहूलियत मिलने लगी है। क्योंकि अब पानी काफी हद तक कम हो गया है। लेकिन जैसे ही फिर बारिश होगी। इसी तरह समस्या पुन: सामने आ जाएगी। जब तक कमी को दूर नहीं किया जाएगा।
मनोज कुमार
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मजदूर बाल्टी से भरकर निकाल रहे पानी
जितना पानी अंडर पास में भरा था। उसे पहले पंपिग सेट से निकलवाया गया। इसके बाद अब जो कुछ पानी शेष है। उसे मजदूर बाल्टी से निकाल रहे हैं। समस्या का निस्तारण न हुआ तो आम लोगों की परेशानी बढ़ेगी।
अभिषेक परिहार बोले जिम्मेदार
अंडरपास को टीनशेड से कबर्ड करने के लिए 40 लाख रुपये खर्च होने हैं। दोहरीकरण के दौरान काम को पूरा कर लिया जाएगा। जिससे ग्रामीणों का समस्या का सामना न करना पड़े।
मनोज कुमार सिंह, पीआरओ, झांसी रेलवे