मनरेगा से ढाई हजार मजदूरों को मिला रोजगार
संवाद सूत्र महेबा प्रधानों के शपथ लेते ही गांव में मनरेगा के तहत बंधा- बंधी का कार्य शुरू हो जाने से मनरेगा कार्डधारकों के साथ प्रवासी मजदूरों को भी रोजगार मिलने लगा है। अब इन मजदूरों को बाहर काम करने नहीं जाना पड़ रहा है। ब्लाक की 59 ग्राम पंचायतों में लगभग ढाई हजार मजदूर प्रतिदिन रोजगार पा रहे हैं।
संवाद सूत्र, महेबा : प्रधानों के शपथ लेते ही गांव में मनरेगा के तहत बंधा- बंधी का कार्य शुरू हो जाने से मनरेगा कार्डधारकों के साथ प्रवासी मजदूरों को भी रोजगार मिलने लगा है। अब इन मजदूरों को बाहर काम करने नहीं जाना पड़ रहा है। ब्लाक की 59 ग्राम पंचायतों में लगभग ढाई हजार मजदूर प्रतिदिन रोजगार पा रहे हैं।
ग्राम पंचायतों के चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाने के बाद मनरेगा के कार्य ज्यादातर ग्राम पंचायतों में ठप हो गए थे । जिससे गांव के मजदूर रोजगार के लिए भटक रहे थे। कोरोना काल में बाहर काम करने वाले मजदूर भी गांव में लौट आए थे। जिसमें से कुछ मजदूर पंचायत चुनाव के बाद वापस चले गए। कुछ प्रवासी अभी भी गांव में हैं। जो रोजगार से वंचित थे प्रधान चुने जाने के बाद शपथ लेते ही अधिकांश प्रधानों ने मजदूरों के हितों की कार्य योजना तैयार की है। बीडीओ अश्विनी कुमार सिंह ने बताया कि 59 ग्राम पंचायतों में लगभग ढाई हजार मजदूर रोजगार पा रहे हैं जिसमें प्रवासी मजदूरों को भी गांव में रोजगार मिलने से उनकी रोजी-रोटी चल रही है। सभी ग्राम विकास व ग्राम पंचायत अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि बड़े पैमाने पर कार्य योजना बनाकर सभी जॉबकार्ड धारकों को रोजगार देने का प्रयास किया जाए जिससे कि गांव का एक भी मजदूर पलायन न करें। मनरेगा के कार्यों की प्रतिदिन समीक्षा की जा रही है जिससे कि चालू की गई कार्य योजनाएं समय से पूर्ण हो सकें। जुलाई के महीने में बारिश से कार्य प्रभावित हो सकता है इसलिए अधिक से अधिक मजदूरों को रोजगार देने की नीति बनाई गई है।