गंदगी व अतिक्रमण से पटा दो एकड़ का तालाब

संवाद सहयोगी जालौन जलस्तर को बनाये रखने के साथ जानवरों को पीने के लिए पानी व सिचाई के लिए गांवों में तालाबों को बनाया गया है। विकास खंड के ग्राम गायर में दो एकड़ का तालाब ग्रामीणों की उपेक्षा तथा बढ़ते अतिक्रमण के कारण सिकुड़ने लगा है। तालाब में उगी घास के कारण तालाब के पानी का उपयोग होना बंद है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 06:09 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 06:09 PM (IST)
गंदगी व अतिक्रमण से पटा दो एकड़ का तालाब
गंदगी व अतिक्रमण से पटा दो एकड़ का तालाब

संवाद सहयोगी, जालौन : जलस्तर को बनाये रखने के साथ जानवरों को पीने के लिए पानी व सिचाई के लिए गांवों में तालाबों को बनाया गया है। विकास खंड के ग्राम गायर में दो एकड़ का तालाब ग्रामीणों की उपेक्षा तथा बढ़ते अतिक्रमण के कारण सिकुड़ने लगा है। तालाब में उगी घास के कारण तालाब के पानी का उपयोग होना बंद है।

विकास खंड के ग्राम गायर में मंदिर के पास प्राचीन तालाब स्थित है। गांव के जलस्तर को बनाए रखने, पशु पक्षियों को गर्मी के मौसम में पेयजल उपलब्ध कराने तथा लोगों को कपड़े धोने जैसी आवश्यकता की पूर्ति के लिए गांव में लगभग 100 वर्ष पूर्व तालाब बनाया गया था। गर्मी के मौसम में होने वाली आगजनी की घटनाओं के दौरान भी लोग इसके पानी का प्रयोग करते थे। गांव का तालाब पानी से भरा रहे तथा इसका उपयोग सिचाई के लिए भी हो सके। इसके लिए सिचाई विभाग ने तालाब को भरने के लिए नलकूप भी लगाया है। गांव में स्थित 2 एकड़ का तालाब ग्रामीणों की उपेक्षा का दंश झेल रहा है। ग्रामीणों ने लगातार उसमें कूड़ा डालने तथा कुछ लोग उस पर अतिक्रमण करने के कारण तालाब सिकुड़ता जा रहा है। प्रशासन द्वारा तालाब के अतिक्रमण को हटाने व उसकी सफाई न कराए जाने के कारण तालाब घास उग आयी। तालाब में उगी घास के कारण ग्रामीण उसमें पशुओं तक को पानी नहीं पीने देते हैं। तालाब में उगी घास के कारण तालाब के पानी का भी उपयोग बंद हो गया है। ग्राम पंचायत सचिव नीता राठौर ने बताया कि गांव में एक और तालाब है जिसकी खुदाई कराई जा रही है। भविष्य में इसके लिए भी कार्य योजना बनाई जाएगी।

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