सिरसा कलार पीएचसी में पैथालाजी नहीं, भटक रहे मरीज

संवाद सूत्र सिरसा कलार सिरसा कलार पीएचसी चार शैय्या का बनाया गया है। जिसमें पैथालॉजी तक संचालित नहीं है। स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली से हालात बदतर होते जा रहे हैं। गांव में स्वास्थ्य सेवाओं दुरुस्त करने की कोशिश नहीं की जा रही है। जिसकी वजह से ग्रामीणों को विशेषज्ञ डाक्टर और संसाधन का हवाला देकर रेफर कर दिया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 07:29 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 07:29 PM (IST)
सिरसा कलार पीएचसी में पैथालाजी नहीं, भटक रहे मरीज
सिरसा कलार पीएचसी में पैथालाजी नहीं, भटक रहे मरीज

संवाद सूत्र, सिरसा कलार : सिरसा कलार पीएचसी चार शैय्या का बनाया गया है। जिसमें पैथालॉजी तक संचालित नहीं है। स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली से हालात बदतर होते जा रहे हैं। गांव में स्वास्थ्य सेवाओं दुरुस्त करने की कोशिश नहीं की जा रही है। जिसकी वजह से ग्रामीणों को विशेषज्ञ डाक्टर और संसाधन का हवाला देकर रेफर कर दिया जा रहा है।

बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए करोड़ों की लागत से सिरसा कलार में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया था। जिससे सुविधाओं की उम्मीद नजर आ रही थी, लेकिन वह भी धीरे-धीरे धूमिल हो गई। पीएचसी केंद्र में एक डाक्टर, एक फार्मासिस्ट व एएनएम के सहारे अस्पताल को चलाया जा रहा है। पैथालॉजी, ओपीडी के साथ व डाक्टर आवास दुरुस्त है। लेकिन इमरजेंसी न होने से रात के समय मरीजों इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है। जिसकी वजह से पीएससी केंद्र कारगर नहीं साबित हो रहा है। खास कर लोहई टिकरी जुगराजपुर, मढैया, करैया, तरसोल व छानी अहीर गांव के मरीजों को उठानी पड़ रही है। वर्ष 1998 में कराया गया था निर्माण

18 हजार की आबादी वाले सिरसा कलार कस्बे में पीएचसी केंद्र का निर्माण वर्ष 1998 में कराया गया था। लेकिन 23 साल बाद भी संसाधन नहीं जुट पाए। जिसकी वजह से मरीजों को लाभ मिल पाना मुश्किल हो गया है।

ग्रामीणों की सुविधा के लिए पीएचसी का निर्माण तो कराया गया। लेकिन स्त्री रोग विशेषज्ञ, नेत्ररोग विशेषज्ञ, एनेस्थीसिया, आर्थो सर्जन, फिजीशियन व डेंटल रोग विशेषज्ञ की तैनाती अभी तक नहीं की गई है। वहीं स्टाफ नर्स, सफाई कर्मचारी व वार्ड ब्वाय की है। इनके अभाव में अधिक परेशानी उठानी पड़ती है। फिर भी समस्या दूर नहीं हो सकी। कोट

इन सुविधाओं की विशेष जरूरत :

पीएचसी में अल्ट्रासाउंड, सिटी स्क्रैन, दंत एक्सरे, ब्लड बैंक, अल्ट्रासाउंड, डिजिटल एक्स-रे, ईसीजी, सीवीसी व डायलिसिस की सेवाएं उपलब्ध नहीं है। इन जांचों के उपलब्ध न होने के कारण लोगों को निजी चिकित्सालय जाने पर हजारों रुपये फिजूल में खर्च करने पड़ रहे हैं।

राजेश ग्रामीण ग्रामीण क्षेत्र में पीएचसी होने के नाते सबसे अधिक आते सर्पदंश के मरीज

सिरसा कलार क्षेत्र के अधिकांश गांव में घर कच्चे बने हैं। हर साल मकान पर बरसात होने के बाद सांप बिच्छू इधर-उधर घूमने लगते है। सर्पदंश के कारण अब तक कई मरीज की मौत हो चुकी है। समय पर उपचार न होने के कारण हालत अधिक खराब होने लगती है।

उपेंद्र सेंगर, ग्रामीण

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