गांव की जो भलाई करी वहिका बनाब परधान
ब्रजेंद्र सिंह चौहान महेबा पंचायत चुनाव में कुछ प्रत्याशियों के नामांकन हो जाने के बाद चुनावी गोटें बिछनी शुरू हो गई है। यहां दावेदार मतदाताओं की खुशामत कर नब्ज टटोलने में लगे हैं। मतदाता प्रत्याशी के आचरण शिक्षा और काबिलियत को बारीकी से परख रहे हैं। गांव की चौपालों में मूलभूत सुविधाओं पर मतदाता काफी सजग दिख रहे हैं। कहीं पुरानी समस्याओं पर सुधार की तो कहीं नई आवश्यकताएं चर्चा का विषय बनी हुई हैं। इलेक्शन बाइक में हमने महेबा ब्लाक के दमरास गांव को देखा। आइये देखते हैं ग्रामवासियों के अपेक्षाओं की कहानी उन्हीं की जुबानी ।
ब्रजेंद्र सिंह चौहान, महेबा :
पंचायत चुनाव में कुछ प्रत्याशियों के नामांकन हो जाने के बाद चुनावी गोटें बिछनी शुरू हो गई है। यहां दावेदार मतदाताओं की खुशामत कर नब्ज टटोलने में लगे हैं। मतदाता प्रत्याशी के आचरण, शिक्षा और काबिलियत को बारीकी से परख रहे हैं। गांव की चौपालों में मूलभूत सुविधाओं पर मतदाता काफी सजग दिख रहे हैं। कहीं पुरानी समस्याओं पर सुधार की तो कहीं नई आवश्यकताएं चर्चा का विषय बनी हुई हैं। इलेक्शन बाइक में हमने महेबा ब्लाक के दमरास गांव को देखा। आइये देखते हैं ग्रामवासियों के अपेक्षाओं की कहानी उन्हीं की जुबानी ।
ग्राम दमरास में 20 वर्ष बाद ग्राम की हुकूमत महिला के हाथों में होगी। इस वजह से गांव की महिलाओं में पद पाने को लेकर उल्लास है। प्रधान कोई भी महिला को चुना जाए लेकिन आधी आबादी में जोश दिखाई दे रहा है।
अपने घर के बाहर चुनावी चर्चा में मशगूल विमला देवी को फिक्र गांव के विकास की थी। बोलीं चहेव जो प्रधान होय लेकिन गांव मा पानी संकट बहुत है या समस्या अबकी बार दूर होय का चाही। चंदा देवी भी हां में हां भरते हुए कहती हैं कि गांव में स्वास्थ्य योजनाओं मा लाभ नहीं मिल पावत आय। टीकाकरण तक करावे के लाने शहर जाये का परत है। इसी बीच रामदेवी आकर बोलीं सुना है कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए समूहों का गठन किया जाता है लेकिन बैंक से सहयोग न मिलने के कारण कोनौ धंधा नहीं कर पाते हैं।
आगे बढ़े तो सुरेश गुप्ता के चौबारे में चुनावी गपशप हो रही थी। बड़े लल्ला दीक्षित बोले आवारा गायों से जो फसल बचाएगा वही प्रधान अच्छा होगा। समर्थन करते हुए किशोरी भदौरिया ने कहा बिल्कुल ठीक कह रहे हो खेतों में अन्ना न होगा तो सब खुशहाल रहेंगे। इस बीच गांव में ब्रजरानी एवं भूरी देवी से भेंट हो गई। चुनाव की चर्चा करते ही वह बोल पड़ी कुछ पूछो नहीं गांव में बिजली है लेकिन रोज गुल हो जाती है। चाहे तीन दिन अंधेरा पसरा रहे। कोई सुध नहीं लेत। गर्मी में परेशान हो जाते हैं। जनता के लिए भागदौड़ करके समस्याओं का जो निदान कराएं अबकी बार उसी को प्रधान चुनेंगे। एक नजर गांव पर
ग्राम पंचायत : दमरास
आबादी : 8100
मतदाता : 3940