बीएसएनएल से भंग हो रहा उपभोक्ताओं का मोह

संवाद सहयोगी जालौन भारतीय दूर संचार कंपनी अधिकारियों की उपेक्षा का दंश झेल रही है। संसाधनों के अभाव में बीएसएनएल अंतिम सांसें गिन रहा है। दिन दिन भर सिग्नल गायब रहने के कारण उपभोक्ताओं का मोह भंग हो रहा है जिससे उपभोक्ताओं की संख्या में गिरावट आ रही है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 06:20 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 06:20 PM (IST)
बीएसएनएल से भंग हो रहा उपभोक्ताओं का मोह
बीएसएनएल से भंग हो रहा उपभोक्ताओं का मोह

संवाद सहयोगी, जालौन : भारतीय दूर संचार कंपनी अधिकारियों की उपेक्षा का दंश झेल रही है। संसाधनों के अभाव में बीएसएनएल अंतिम सांसें गिन रहा है। दिन दिन भर सिग्नल गायब रहने के कारण उपभोक्ताओं का मोह भंग हो रहा है जिससे उपभोक्ताओं की संख्या में गिरावट आ रही है।

स्थानीय टेलीफोन एक्सचेंज विभाग की उदासीनता का दंश झेल रहा है। आलम यह है कि एक्सचेंज में लगने वाली 2000 बैट्री 2012 में बदली गयी थी। इन बैट्री की उम्र 4 वर्ष होती है। बैट्री की आयु पूरी होने के बाद जब बिजली जाने पर एक्सचेंज का संचालन बंद होने लगा तो जिला मुख्यालय पर बैठे अधिकारियों की कुम्भकर्णी नींद टूटी तथा 2017 से बैट्री बदलने के लिए पत्राचार शुरू हुआ। जब पत्राचार के बाद भी बैट्री नहीं बदली तथा बैट्री पूरी तरह खराब होने लगी तो ग्रामीण क्षेत्र के एक्सचेंज की बैट्री निकाल कर यहां लगाकर काम चलाया जा रहा था। अब ये बैट्री भी पूरी तरह खराब हो चुकी हैं। बैट्री खराब होने के बिजली जाते ही नगर की संचार सेवाएं ठप्प हो जाती है। जनपद को मिल रहा 500 लीटर डीजल

सरकारी दूर संचार कंपनी की इतनी खराब हालत कभी नहीं दिखी। जहां तहसील मुख्यालय को 500 लीटर से ज्यादा डीजल मिलता था। वहीं अब पूरे जनपद को 500 लीटर प्रतिमाह डीजल मिल रहा है जो बहुत कम है। कर्मचारियों का टोटा

स्थानीय टेलीफोन एक्सचेंज में सिर्फ जेटीओ की नियुक्ति है। एसडीओ, टीटीओ, लिपिक, लाइनमैन समेत अधिकांश पद रिक्त पड़े हैं। सिर्फ जेटीओ हरीशंकर आर्या के सहारे एक्सचेंज चल रहा है। एक्सचेंज की बैटरी खराब होने के कारण स्विच रुम में गड़बड़ी आ गई है। बिजली जाते ही एमसीबी गिर जाती है। बिजली आने के बाद एमसीबी उठाने वाला चाहिए। एक्सचेंज में कर्मचारी न होने के कारण रात में कोई एमसीबी नहीं उठाता जिसके कारण पूरी रात सिग्नल गायब रहते हैं तथा सुबह एक्सचेंज खुलने के बाद सिग्नल चालू हो पाते हैं। कोट

बैटरी बदलने के लिए चार वर्ष से उच्च अधिकारियों को लिखा जा रहा था। अब उम्मीद है जल्द ही बैटरी आ जाएंगी। इनको बदलने के बाद अन्य समस्याओं को दूर किया जाएगा, जिससे लोगों की समस्या दूर हो सके।

जागेश्वर दयाल वर्मा, मंडल प्रबंधक

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