जालौन में बनी थी असहयोग आंदोलन की रणनीति
औरैया मार्ग पर स्थित छत्रसाल इंटर कालेज में स्थापित गांधी सभा स्थल स्वतंत्रता आंदोलन का अमिट निशान है। यहां असहयोग आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी आए थे। औरैया मार्ग पर बैठकर आंदोलन की रणनीति बनाकर नगरवासियों से आंदोलन में सहयोग मांगा था।
हमारे तीर्थ स्थल :
औरैया मार्ग पर स्थित छत्रसाल इंटर कालेज में स्थापित गांधी सभा स्थल स्वतंत्रता आंदोलन का अमिट निशान है। यहां असहयोग आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी आए थे। औरैया मार्ग पर बैठकर आंदोलन की रणनीति बनाकर नगरवासियों से आंदोलन में सहयोग मांगा था।
स्वतंत्रता आंदोलन का जालौन नगर गवाह रहा है। महात्मा गांधी द्वारा वर्ष 1920 में शुरू किए गए असहयोग आंदोलन में नगर व ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने सहयोग किया था। स्वतंत्रता आंदोलन में जन सहयोग के लिए महात्मा गांधी नगर में आये थे। नगर के गोकुलदास सेठ, मुन्नी लाल चतुर्वेदी, चतुर्भुज सिघल आदि लोगों से मिलकर वर्ष 1930 में औरैया मार्ग पर खाली पड़े मैदान में जनसभा की थी। महात्मा गांधी को सुनने के लिए आसपास के गांव, लौना, गूढ़ा, हरदोई, प्रतापपुरा, जगनेवा, शेखपुरा से बड़ी संख्या में लोग आये थे। गांधी जी ने मैदान में बने टीला पर बैठकर लोगों को संबोधित कर लोगों में देश भक्ति को जगाया था । गांधी ने लोगों से स्वतंत्रता आंदोलन में अपना सहयोग देने की अपील की थी। महात्मा गांधी के उद्बोधन को सुनकर लौना निवासी लल्लूराम वर्मा पर ऐसा प्रभाव पड़ा था कि उन्होंने गांधी के आंदोलन में अपना पूर्ण सहयोग दिया था। गांधी जी की सभा स्थल के इतिहास की जानकारी होने पर गांधी की जन्मशती वर्ष में विद्यालय के छात्रों ने धनराशि एकत्र कर महात्मा गांधी की प्रतिमा की स्थापना कराई थी। 13 फरवरी 1974 को तत्काल प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने प्रतिमा का अनावरण किया था। गांधी जी की यह प्रतिमा लोगों को स्वतंत्रता के आंदोलन की आज भी याद दिलाता है।
प्रस्तुति : अनुराग श्रीवास्तव, जालौन