गांव का जलस्तर बढ़ाने वाला तालाब झाड़ियों से पटा

संवाद सूत्र महेबा ग्राम पंचायत भगौरा में छह दशक पुराना तालाब है इस समय तालाब झाड़ियों से पटा पड़ा है। दो दशक से इसकी सफाई एवं खुदाई नहीं कराई गई है। पानी न भरे जाने से हर वर्ष गांव का जलस्तर घट जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 08:12 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 08:12 PM (IST)
गांव का जलस्तर बढ़ाने वाला तालाब झाड़ियों से पटा
गांव का जलस्तर बढ़ाने वाला तालाब झाड़ियों से पटा

संवाद सूत्र, महेबा : ग्राम पंचायत भगौरा में छह दशक पुराना तालाब है, इस समय तालाब झाड़ियों से पटा पड़ा है। दो दशक से इसकी सफाई एवं खुदाई नहीं कराई गई है। पानी न भरे जाने से हर वर्ष गांव का जलस्तर घट जाता है।

ग्राम पंचायत भगौरा निवासी सेवानिवृत्त एडीओ केदार सिंह ने बताया कि आसपास पानी का कोई साधन न होने की वजह से ग्रामीणों के सहयोग से इस तालाब को खोदा गया था। उस समय यह तालाब गांव के बाहर था अब तालाब के चारों और बस्ती हो गई है। जिसकी वजह से लगातार तालाब की जमीन पर अतिक्रमण हो रहा है। पूरा तालाब झाड़ियों से पटा पड़ा है। दो दशक से तालाब के किनारे लगी झाड़ियों की सफाई नहीं कराई गई है। इसके अलावा इसकी खुदाई भी नहीं हुई है। जिसकी वजह से तालाब में जल संचय की क्षमता कम हो चुकी है। पहले यह तालाब बारिश के पानी से लबालब भर जाता था। पूरे साल गांव के लोग पशुओं को पानी चलाते थे जब कभी पानी कम हो जाता था तो माइनर से भर दिया जाता था। एक दशक से माइनर भी पानी नहीं आ रहा है। तालाब में पर्याप्त पानी का संचय ना होने की वजह से हर वर्ष गांव के कुआं एवं हैंडपंपों का जल स्तर घट जाता है। पहले होता था मछली पालन :

बराबर पानी रहने की वजह से मत्स्य व्यवसाय के लिए इसका ठेका होता था गांव के लोग मछली पालन करके रोजगार पाते थे। तालाब सूखा पड़े होने की वजह से उनका रोजगार भी छिन गया। संबंधित अधिकारियों से कई बार इस तालाब के सुंदरीकरण के लिए ध्यान दिलाया गया लेकिन किसी ने भी सुध नहीं ली। कोट

सभी ग्राम विकास व ग्राम पंचायत अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं कि जहां भी तालाब हैं उनकी खुदाई मनरेगा से करवाएं जिससे जल संचय हो सके।

अश्विनी कुमार सिंह, खंड विकास अधिकारी, महेबा

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