सुरक्षित घर पहुंचने के सुकून में दबी नौकरी छूटने की टीस

जागरण संवाददाता उरई कोरोना के कहर से रोज कमाने खाने वाले प्रवासी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। मुंबई गुजरात दिल्ली से रोज बड़ी संख्या प्रवासी अपने घर लौट रहे हैं। सब की अपनी व्यथा और कहानी है। भयावह हालात के देखते हुए उन्हें लगता है कि जल्दी जिदगी पटरी पर आना मुश्किल है जिसके चलते गृहस्थी का पूरा सामान समेटकर वे घर लौट रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 07:16 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 07:16 PM (IST)
सुरक्षित घर पहुंचने के सुकून में दबी नौकरी छूटने की टीस
सुरक्षित घर पहुंचने के सुकून में दबी नौकरी छूटने की टीस

जागरण संवाददाता, उरई : कोरोना के कहर से रोज कमाने खाने वाले प्रवासी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। मुंबई, गुजरात, दिल्ली से रोज बड़ी संख्या प्रवासी अपने घर लौट रहे हैं। सब की अपनी व्यथा और कहानी है। भयावह हालात के देखते हुए उन्हें लगता है कि जल्दी जिदगी पटरी पर आना मुश्किल है, जिसके चलते गृहस्थी का पूरा सामान समेटकर वे घर लौट रहे हैं।

सबसे ज्यादा मुंबई से लोग लौट रहे हैं। ट्रेन से उतरने के बाद घर जाने से पहले उनकी कोरोना जांच की जा रही है। सोमवार को उद्योग नगरी एक्सप्रेस, मुंबई सुल्तानपुर एक्सप्रेस, पनवेल गोरखपुर एक्सप्रेस, मुंबई गोरखपुर एलटीटी से जिले के 87 प्रवासी उतरे। उनकी पहले कोरोना जांच की गई। इनमें से छह प्रवासी कोरोना संक्रमित निकले। जिनको आइसोलेशन में भेज दिया गया है। ज्यादा प्रवासी मुंबई में रहकर 15 से 20 हजार रुपये महीने कमा लेते थे, लेकिन काम बंद होने की वजह से रोजगार छिन गया। जिसके चलते घर लौटने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा था, जल्द से जल्द घर पहुंचने की उत्सुकता में रोजगार छिनने का दर्द भी छिप गया था। कोरोना के रहते नहीं जाएंगे बाहर

मुंबई से लौटे रणधीर मुंबई में बीयर बार में काम करते थे। उसका कहना है कि बीयर बार में काम करने से अच्छी कमाई हो जाती थी, जिससे परिवार का गुजारा अच्छे से हो रहा था, लेकिन अब जिस तरह के हालात में जल्दी वहां लौटना नहीं होगा। इसी तरह की कहानी अनुज तोमर की है वह भी रणधीर के साथ ही काम करता था। अनुज तोमर का कहना है कि कोरोना ने उन्हें लौटने को विवश कर दिया है। अब तो गांव में रहकर ही कोई रोजगार करेंगे। दिलीप मुंबई में मिर्चा का कारोबार करते थे, परंतु कोरोना की दूसरी लहर ने धंधा बंद करा दिया है। जिसकी वजह से लौटना उसकी मजबूरी बन गई है। अजय सिंह दिल्ली में रहकर ड्राइवरी करता था, लेकिन अब उसकी गाड़ी नहीं चल रही है। अजय के मुताबिक उसके सभी साथी अब लौट आए हैं।

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