कंसंट्रेटर पर्यावरण से खींच कर देता आक्सीजन
जागरण संवाददाता उरई कंसंट्रेटर पर्यावरण से आक्सीजन खींच कर देता है। इससे एक बात और उभर कर यह सामने आ रही है कि कंसंट्रेटर बड़ी मुश्किल बढ़ाने वाले हैं क्योंकि ये नेचर से आक्सीजन खींचकर मरीजों को देंगे। इसलिए जरूरी है कि जरूरत पर ही इसे इस्तेमाल किया जाए। जब तक आक्सीजन 90 से कम न हो तक प्रयोग में नहीं लाना चाहिए।
जागरण संवाददाता, उरई : कंसंट्रेटर पर्यावरण से आक्सीजन खींच कर देता है। इससे एक बात और उभर कर यह सामने आ रही है कि कंसंट्रेटर बड़ी मुश्किल बढ़ाने वाले हैं, क्योंकि ये नेचर से आक्सीजन खींचकर मरीजों को देंगे। इसलिए जरूरी है कि जरूरत पर ही इसे इस्तेमाल किया जाए। जब तक आक्सीजन 90 से कम न हो तक प्रयोग में नहीं लाना चाहिए।
कोरोना वायरस का प्रकोप दिन व दिन बढ़ता जा रहा है। अस्पतालों में भर्ती कोविड मरीजों का बहुत बुरा हाल है, जहां ऑक्सीजन शॉर्टेज के चलते हर रोज लोग दम तोड़ रहे हैं। संकट की इस घड़ी में तमाम डॉक्टर्स भी कोरोना संक्रमित मरीजों को घर पर ही ऑक्सीजन लेवल को मैनेज करने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन इसी के साथ कुछ सावधानियां बरतने की भी सलाह दे रहे हैं। ऐसे में अगर आप भी अपने घर में रखने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर या ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीद करने की प्लानिग कर रहे हैं तो आपको कुछ जरूरी बातें समझनी होंगी।
एसीएमओ डॉ. सत्य प्रकाश का कहना है कि घर में इस तरह के उपकरणों का उपयोग करने के लिए इसकी पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है वरना मरीज की जान पर खतरा बन सकता है। आक्सीजन कंसंट्रेटर से एक मेडिकल डिवाइस होती है, जो आसपास की हवा से ऑक्सीजन को एक साथ ऑब्जर्ब करती है। पर्यावरण की हवा में 78 फीसदी नाइट्रोजन और 21 फीसदी ऑक्सीजन गैस होती है, और बाकी दूसरी गैस सिर्फ 1 फीसदी ही होती हैं। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर इस हवा को अपने अंदर लेता है, और फिर उसे फिल्टर करते नाइट्रोजन को वापस हवा में छोड़ देता है। इस प्रक्रिया से ऑक्सीजन अंदर लेता है, वही मरीज में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के काम आती है।