आंदोलन की गवाह बनी थी प्राचीन सागर पुलिस चौकी

संवाद सहयोगी कोंच नगर की प्राचीन सागर पुलिस चौकी के खंडहर देश की आजादी के लिए हुए संघर्ष की गवाह है। चौकी का आजादी के आंदोलन से गहरा रिश्ता है। इसी सागर पुलिस चौकी पर कई बार स्वतंत्रता आंदोलन की रणनीति तय की गई थी। आजादी के दीवानों पर लाठी चार्ज भी यहीं हुई थी।आज भी चौकी खंडहर अंग्रेजी हुकूमत की बर्बरता की कहानी बयां कर रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 06:16 PM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 06:16 PM (IST)
आंदोलन की गवाह बनी थी प्राचीन सागर पुलिस चौकी
आंदोलन की गवाह बनी थी प्राचीन सागर पुलिस चौकी

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संवाद सहयोगी, कोंच : नगर की प्राचीन सागर पुलिस चौकी के खंडहर देश की आजादी के लिए हुए संघर्ष की गवाह है। चौकी का आजादी के आंदोलन से गहरा रिश्ता है। इसी सागर पुलिस चौकी पर कई बार स्वतंत्रता आंदोलन की रणनीति तय की गई थी। आजादी के दीवानों पर लाठी चार्ज भी यहीं हुई थी।आज भी चौकी खंडहर अंग्रेजी हुकूमत की बर्बरता की कहानी बयां कर रहा है।

वर्ष 1942 में जब महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन का आह्वान किया तो नगर के कई लोगों ने उनका अनुसरण कर सत्यागृह तेज कर दिया था। कई दिन तक जुलूस निकाला गया जिसमें अंग्रेजों से भारत से चले जाने का नारा दिया गया था। नगर के बीच मुख्य मार्ग पर स्थित सागर पुलिस चौकी इस बड़े आंदोलन का हिस्सा बनी थी। जो उस समय रिपोर्टिंग पुलिस चौकी थी।हालां कि आंदोलन की हर बनाई जाने वाली रणनीति को यहां अंग्रेजों द्वारा विफल करने का प्रयास किया गया। इस पुलिस चौकी पर मौजूद सिपाहियों ने यहां आंदोलन करने वाले क्रांतिकारियों पर लाठीचार्ज भी किया था। लेकिन फिर भी आंदोलनकारी पीछे नहीं हटे। गिरफ्तारियां देकर जेल तक चले गये। स्वतंत्रता आंदोलन में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बाबू चित्तर सिंह, कालीचरन बसेड़िया तथा कृष्णा विद्रोही आदि को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। वर्ष 1942 से शुरू हुए स्वतंत्रता आंदोलन लगातार 15 अगस्त 1947 तक चलता रहा। कई बार सागर चौकी पर स्वतंत्रता के दीवानों की पुलिस से झड़प हुई थी। घुड़सवार पुलिस ने घोड़े दौड़ाकर आंदोलनकारियों को पीछे धकेला लेकिन दीवानों में आजादी का जज्बा कम नहीं कर पाए। स्वतंत्रता आंदोलन की गवाह सागर पुलिस चौकी अब खंडहर बन चुकी है। लेकिन आज भी इसके खंडहर अंग्रेजी शासनकाल की बर्बरता की कहानी बयां कर रही है।

प्रस्तुति : असद अहमद, कोंच

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