दस वर्ष बीते, नहीं हुआ तालाब का सुंदरीकरण
संवाद सहयोगी जालौन वैसे तो नगर में सात प्रमुख तालाब हैं कितु नगर में स्थित मुरलीमनोहर तालाब को मुख्य तालाब माना जाता है। यही कारण है कि तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए नगर पालिका परिषद ने योजना बनाई। इस तालाब के सौंदर्यीकरण के काम को शुरू हुए एक दशक से ज्यादा का समय बीत चुका है। 50 लाख रुपये भी खर्च हो चुके हैं। इसके बाद तालाब की न तो सफाई हो पाई है और न ही सौंदर्यीकरण हो पाया है।
संवाद सहयोगी, जालौन : वैसे तो नगर में सात प्रमुख तालाब हैं, कितु नगर में स्थित मुरलीमनोहर तालाब को मुख्य तालाब माना जाता है। यही कारण है कि तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए नगर पालिका परिषद ने योजना बनाई। इस तालाब के सौंदर्यीकरण के काम को शुरू हुए एक दशक से ज्यादा का समय बीत चुका है। 50 लाख रुपये भी खर्च हो चुके हैं। इसके बाद तालाब की न तो सफाई हो पाई है और न ही सौंदर्यीकरण हो पाया है।
नगर के मुख्य मुरली मनोहर तालाब के सौंदर्यीकरण कराने की योजना 2006 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल में शुरू कराया गया था। सौंदर्यीकरण के शुरुआती दौर में इस तालाब पर लगभग 8 लाख रुपये खर्च किए गए थे जिसमें तालाब की सफाई के साथ तालाब की बाउंड्री बनवाई गई थी। इसके बाद नगर पालिका परिषद ने इस तालाब के जीर्णोद्धार पर ध्यान दिया तथा तालाब के घाटों को बनाने का लगभग 28 लाख रुपये खर्च करके कराया गया। 2015 में तत्कालीन जिलाधिकारी रामगणेश ने इस तालाब को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित कराने तथा इसे पार्क के रूप विकसित करने की योजना बनाई तथा काम भी शुरू कराया। उनके स्थानांतरण के बाद तालाब का सौंदर्यीकरण का काम भी अधर में लटक गया है। नगर पालिका परिषद ने तालाब सौंदर्यीकरण के नाम पर बैठने के लिए कुर्सी लगाई गयी। रोशनी कै लिए लाइट लगा दी गयी। छाया के लिए पौधारोपण कर दिया। शौचालय बनाया गया है तथा एक कर्मचारी की नियुक्ति कर दी। इसके बाद भी रखरखाव के अभाव में कुर्सी टूटने लगी, पेड़ सूख गये हैं। तालाब में आता है नाली का गंदा पानी :
बड़ी माता मंदिर तथा द्वारिकाधीश मंदिर के पीछे स्थित तालाब के सौंदर्यीकरण पर 50 लाख रुपये खर्च कर दिया है इसके बाद में तालाब में मंदिर के बगल से तथा अन्य दिशाओं से नाली का गंदा पानी आ रहा है जिसके कारण लोग पानी को छूना भी पसंद नहीं करते हैं।
तालाब में नाव चलाने तथा क्रास ब्रिज बनाने की योजना हवा हवाई : पूर्व पालिका अध्यक्ष गुलाब सिंह जाटव ने तालाब में नाव डालने, लाइटिग के साथ क्रास ब्रिज बनाने का नक्शा तैयार किया था कितु तत्कालीन जिलाधिकारी रामगणेश के स्थानांतरण के बाद नगर पालिका की योजना धरी की धरी रह गई नगरवासियों के मंसूबों पर पानी फिर गया है।
जिम्मेदार बोले : अगर नगर पालिका परिषद उसे आकर्षक बनाने पर काम कर रही थी। कोरोना काल के कारण बजट के अभाव में काम प्रभावित हुआ है।
डीडी सिंह, ईओ नगर पालिका