बेहतर समाज के सपने को साकार करना चाहते थे टीडी वैद
संवाद सहयोगी कोंच टीडी वैद के निस्वार्थ शैक्षिक एवं सामाजिक कार्यों को कभी भुलाया नहीं जा
संवाद सहयोगी, कोंच : टीडी वैद के निस्वार्थ शैक्षिक एवं सामाजिक कार्यों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। समाज के कल्याण के लिए कार्य करने वाले व्यक्ति की कीर्ति सदैव अमर रहती है। उक्त विचार भारतीय जन नाट्य मथुरा प्रसाद महाविद्यालय के संस्थापक प्राचार्य टीडी वैद की 99वीं जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में नगर पालिकाध्यक्ष डा. सरिता वर्मा ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि भले ही स्वर्गवासी वैद जी से उनका प्रत्यक्ष संबंध नहीं रहा कितु शैक्षिक एवं सांस्कृतिक कल्याण के लिए उनके कार्य वंदनीय हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समाजवादी व्यापार सभा के जिला अध्यक्ष मनोज इकडया ने कहा कि सामाजिक उत्थान के लिए श्रीवैद द्वारा किए गए कार्यों के कारण वे श्रेष्ठ हैं। यदि प्रत्येक व्यक्ति उनके बताए रास्ते का अनुसरण करे तो बेहतर समाज के सपने को साकार किया जा सकता है। सरनाम सिंह ने कहा कि वे सच्चे और खरे शिक्षक थे जो अपने विद्यार्थियों की समस्याओं के निदान के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। वे आजीवन शिक्षक और शिक्षार्थियों के लिए संघर्ष करते रहे। इप्टा एवं प्रलेस के प्रान्तीय सचिव डा. मुहम्मद नईम बॉबी ने कहा कि वैद जी के जीवन संघर्ष को प्रस्तुत किया कि किस प्रकार उन्होंने माध्यमिक शिक्षक संघ एवं मथुरा प्रसाद महाविद्यालय की स्थापना की। उन्होंने वैद जी के वामपंथी जीवन, इप्टा से जुड़ाव तथा भगतसिंह के सहयोगी रहे कामरेड शिववर्मा के साथ भूमिगत आंदोलन के संघर्षों को भी अपने संस्मरण के माध्यम से अवगत कराया। इस दौरान अनिल कुमार वैद, मुहम्मद नईम, साहना खान, आस्था वाजपेई, कोमल अहिरवार, प्रिसी अग्रवाल, तान्या अग्रवाल, पारसमणि अग्रवाल, राज शर्मा, सैंकी यादव, अंकुल राठौर, युनुस मंसूरी, अंकित कुशवाहा, ट्रिकल राठौर, योगवेंद्र कुशवाहा आदि द्वारा इप्टा गीत एवं जनगीत प्रस्तुत किए। वहीं रंगकर्मी ट्रिकल राठौर द्वारा सांस्कृतिक संध्या के अंतर्गत कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का भी आयोजन किया गया। जिसमें स्थानीय कवियों भास्कर सिंह, माणिक्य मानव, संतोष तिवारी सरल, नरेन्द्र मोहन स्वर्णकार, हरिमोहन गुप्त, नंदराम भावुक, अनिल कुमार वैद, एलआर श्रीवास्तव, चौधरी धीरेंद्र सिंह यादव, केके शर्मा, रामकिशोर पुरोहित मौजूद रहे।