टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान में प्राइवेट डॉक्टरों का सहयोग मांगा

जागरण संवाददाता उरई क्षेत्रीय क्षय प्रबंधन इकाई (आरटीपीएमयू) लखनऊ के सलाहकार डॉ. आर

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 07:41 PM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 07:41 PM (IST)
टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान में प्राइवेट डॉक्टरों का सहयोग मांगा
टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान में प्राइवेट डॉक्टरों का सहयोग मांगा

जागरण संवाददाता, उरई : क्षेत्रीय क्षय प्रबंधन इकाई (आरटीपीएमयू) लखनऊ के सलाहकार डॉ. आरपी गुप्ता ने दो दिवसीय दौरे में सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान के तीसरे चरण की समीक्षा की। उन्होंने उरई शहरी क्षेत्र के साथ जालौन और कालपी क्षेत्रों में जाकर प्राइवेट चिकित्सकों और अभियान में लगी टीमों से जानकारी ली।

आरपीटीएमयू के सलाहकार आरपी गुप्ता ने उरई शहर में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ. संजीव गुप्ता से जानकारी ली। इसके अलावा केमिस्ट से भी मुलाकात की। उन्होंने कालपी और जालौन नगरीय क्षेत्र में जाकर टीबी संबंधी रोगों का इलाज करने वाले चिकित्सकों से मिलकर उनके काम के बारे में जानकारी ली और टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान में सहयोग की अपेक्षा की।

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क्षय रोगियों की खोज करने वाले को 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि

जिला क्षय रोग केंद्र में वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक और वरिष्ठ प्रयोगशाला प्राविधिक के साथ जिला क्षय रोग अधिकारी के साथ बैठक हुई। जिसमें प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले डॉक्टरों से मिलकर ज्यादा से ज्यादा टीबी मरीजों को चिह्नित करने का काम करें। यही नहीं उन केमिस्टों की भी सूची रखे जो क्षय रोगियों खांसी, बुखार जैसी दवाएं देते हो। यदि कोई प्राइवेट चिकित्सक क्षय रोगियों को खोजकर विभाग को सूचना देता है तो उसे प्रोत्साहन राशि के रुप में पांच सौ रुपये दिए जाएंगे।

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प्राइवेट डॉक्टरों ने 21 क्षय रोगियों को किया चिह्नित

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ सुग्रीव बाबू ने जानकारी दी कि टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान 26 दिसंबर से 25 जनवरी तक चल रहा है। इस समय 13 जनवरी से अभियान का तीसरा चरण शुरू हो गया। इस अभियान में प्राइवेट सेक्टर के डॉक्टरों और केमिस्टों का सहयोग लिया जा रहा है। प्राइवेट डॉक्टरों ने अब तक 21 क्षय रोगियों को चिह्नित किया है। उनका पंजीकरण कर लिया गया है। उनका इलाज भी प्राइवेट चिकित्सक करेंगे। विभाग की तरफ से जो पांच सौ रुपये प्रतिमाह निक्षय पोषण योजना के तहत धनराशि दी जाती है, वह क्षय रोगी के खाते में भेज दी जाएगी। इस दौरान राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के डीपीसी नुरुल हुदा, आलोक मिश्रा, राजीव उपाध्याय, संजय अग्रवाल, शहनवाज खान आदि मौजूद रहे।

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