छह माह में ही बंद हुआ स्कूल में लगा सोलर आरओ प्लांट

संवाद सहयोगी, कोंच : नदीगांव विकास खंड के ग्राम धौरपुर में स्थित प्राइमरी पाठशाला में लगवाया

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Mar 2018 03:02 AM (IST) Updated:Wed, 14 Mar 2018 03:02 AM (IST)
छह माह में ही बंद हुआ स्कूल में लगा सोलर आरओ प्लांट
छह माह में ही बंद हुआ स्कूल में लगा सोलर आरओ प्लांट

संवाद सहयोगी, कोंच : नदीगांव विकास खंड के ग्राम धौरपुर में स्थित प्राइमरी पाठशाला में लगवाया गया सोलर आरओ प्लांट छह महीने में ही बंद हो गया। इससे स्कूल में अध्ययनरत 130 बच्चों को ठंडा एवं शुद्ध पेयजल उपलब्ध होता था। स्थिति यह है कि सोलर प्लेटें स्कूल में ही शो पीस बनीं रखी हैं। आरओ प्लांट धूल चाट रहा है। विद्यालय का एक मात्र हैंडपंप खराब पड़ा है। बच्चे प्यास बुझाने के लिए घर से पानी की बोतल लेकर आ रहे हैं। बोतल का पानी खत्म होने पर भागकर घर पहुंचते हैं। शिक्षक भी बढ़ते पेयजल संकट से खासे परेशान हैं। उनकी द्वारा की गई शिकायतों पर उच्चाधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।

तीन लाख रुपये की आई थी लागत

बीहड़ पट्टी क्षेत्र के गांव धौरपुर में दिसंबर 2016 को प्राइमरी पाठशाला में नेडा द्वारा तीन लाख की लागत से सोलर आरओ प्लांट लगाया गया था। लगने के बाद अगले वर्ष जून माह में ही बंद हो गया। इसका कारण छत पर लगी पांच सोलर प्लेटों में एक प्लेट का टूट जाना रहा। जिससे सोलर प्लांट ने काम करना बंद कर दिया। बाकी चार प्लेटें विद्यालय के अधयापकों ने छत से उतरवा कर नीचे कमरों में रखवा दीं। बीते काफी महीनों से बंद पड़े सोलर प्लांट को ठीक कराने के लिए अध्यापक प्रयास रत है लेकिन उनकी कोई सुन नहीं रहा है।

प्राइमरी एवं जूनियर दोनों विद्यालयों में पेयजल का संकट

सोलर प्लांट बंद होने के बाद प्राइमरी पाठशाला में पढ़ रहे 130 छात्रों को पीने का पानी घर से ले जाना पड़ रहा है। वहीं जूनियर हाईस्कूल में 86 छात्र भी पानी के संकट से जूझ रहे हैं। यहां लगा हैंडपंप भी खराब पड़ा है। प्राइमरी पाठशाला के अध्यापक सुखराम जाटव कहते हैं कि सोलर प्लांट एवं हैंडपंप ठीक कराने के लिए कई बार नेडा एवं विभागीय अधिकारियों से कहा गया है लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है।

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