ठेंगे पर रखते नियम, चालान का भय नहीं
जागरण संवाददाता उरई जिले में साल दर साल सड़क हादसों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। इस सा
जागरण संवाददाता, उरई : जिले में साल दर साल सड़क हादसों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। इस साल अभी तक हादसों में 211 लोगों की मौत हो चुकी है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि हालात कितने भयावह हैं। ज्यादातर सड़क हादसों की वजह यातायात नियमों का पालन करना है। नियमों का पालन कराने का दायित्व ट्रैफिक पुलिस का है, परंतु पुलिस इस दिशा में पूरी तरह से विफल साबित हो रही है। गंभीर हादसे होने के बाद कुछ दिन को यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख्ती से अभियान चलाती है, लेकिन बाद में फिर पुराना ढर्रा लौट आता है, नतीजतन घटनाएं का सिलसिला धम नहीं रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में बात क्या करें शहर के भीतर ही बाइक सवारों को बेतरतीब तरीके बाइकें दौड़ते देखा जा सकता है। दो पहिया वाहन चलाने के दौरान हेलमेट पहनने की अनिवार्यता का भी यहां पूरी तरह से पालन नहीं नहीं हो रहा है। इस साल सड़क हादसों में 211 लोगों की मौत हुई है। इनमें 176 बाइक सवार ही हादसे का शिकार हुए हैं। सिर में गहरी चोट व अधिक रक्त बहने मौत की वजह रही। यही बाइक चलाते समय हेलमेट पहनने की अनिवार्यता का सख्ती से पालन किया गया होता तो हादसों में मरने वालों की संख्या इतनी ज्यादा नहीं होती।
बिना लाइसेंस नाबालिग चला रहे रेसिंग बाइकें
ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन में युवा वर्ग के लोग आगें हैं। शहर के स्टेशन रोड, राठ रोड एवं रामनगर में कोचिग सेंटरों के आसपास अपनी रंगबाजी जमाने के लिए तमाम नाबालिग तक रेसिंग बाइकें दौड़ाते देखे जा सकते हैं, जिनको को वाहन चलाने का लाइसेंस तक अभी प्राप्त नहीं हुआ। स्टंटबाजी में बीते साल चार किशोर अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन बावजूद लोग हादसों से सबक नहीं ले रहे हैं।
वाहनों की पार्किंग भी व्यवस्थित नहीं
शहर के भीतर वाहन पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं है। ट्रैफिक पर नियंत्रण के लिए किसी प्रमुख चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल की व्यवस्था नहीं है। इसी वजह से जहां मन होता लोग सड़क किनारे वाहन खड़े कर देते हैं। जिनके कारण भी हादसे बढ़े हैं।
ऑटो रिक्शा का रूट तय नहीं :
शहर के भीतर ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त होने की वजह से जाम तो लगता ही है हादसे भी बढ़े हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि यहां आटो रिक्शा का भी रूट तय नहीं है। सवारी लेकर किसी भी मार्ग से कहीं के लिए आटो मिल जाएगा। छह सौ से अधिक ई-रिक्शा और आटो शहर के भीतर चल रहे हैं। यही मुख्य वजह है कि घटनाएं लगातार बढ़ रही है।
ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को लेकर हुई कार्रवाई
बिना हेलमेट - 18 हजार
बिना लाइसेंस - 11 हजार
बिना आरसी - 6 हजार