नदी की जलधारा रोक मौरंग निकाल किया जा रहा डंप
केस एक - बंधौली घाट जाने वाले मार्ग पर बंधी व मुहम्मदाबाद के बीच माफिया बड़ी स्तर पर मौरंग
केस एक - बंधौली घाट जाने वाले मार्ग पर बंधी व मुहम्मदाबाद के बीच माफिया बड़ी स्तर पर मौरंग का डंप कर रहे हैं। सुबह से लेकर रात तक मौरंग लदे ओवरलोड ट्रक वहां खाली होते हैं। इसके बाद जेसीबी से इस मौरंग चूटीनुमा एकत्रित किया जा रहा है।
केस दो - कोटरा थाना क्षेत्र में बेतवा नदी किनारे सिकरी रहमानपुर के पास भी मौरंग माफियाओं ने एक बड़े खाली स्थान पर मौरंग का डंप करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही वहां पर भी परमीशन से अधिक एरिया में मौरंग को डंप कर बरसात में मनमाने दामों पर बेचा जाएगा।
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जागरण संवाददाता, उरई : पंचायत चुनाव खत्म हो चुका है और अब एक माह बाद बारिश का मौसम शुरू हो जाएगा ऐसे में खनन माफिया परमीशन से अधिक क्षेत्रफल में नदी की जलधारा रोककर मौरंग निकालने के साथ डंप लगाने लगे हैं। जिससे बारिश के मौसम में इसे महंगे दामों पर बेचकर मालामाल हो सकें।
खनन माफिया एनजीटी की गाइड लाइन का धता बताकर नदियों से बेतहाशा खनन करने में लगे हुए हैं। डकोर क्षेत्र के खरका घाट पर माफियाओं ने नदी के बीचों बीच मौरंग का सड़कनुमा रास्ता बना लिया है और हमीरपुर जिले तक खनन करने पहुंच गए हैं। इसके साथ ही इस मौरंग को खनन माफिया क्षेत्र में कई स्थानों पर डंप करने में लगे हुए हैं। जिससे वह इसे आने वाले बारिश के मौसम में महंगे दामों पर बेचकर लंबा मुनाफा कमा सके। हालत यह है कि जून के महीने में बारिश शुरू हो जाती है इसके साथ ही मौरंग घाटों को भी बंद कर दिया जाता है। इससे पहले माफियाओं को मौरंग डंप करने के लिए भी क्षेत्रफल व घन मीटर के हिसाब से लाइसेंस जारी किया जाता है। जिससे बारिश के मौसम में डंप मौरंग को बेचा जा सके। इसके साथ ही माफियाओं ने बेतवा नदी की सीना चीरकर पोकलैंड से खनन शुरू किया था जिससे नदी की जलधारा को भी रोका गया है। इसके बाद भी इसमें किसी जिम्मेदार ने कोई कार्रवाई नहीं की है जिससे माफियाओं के हौंसले बुलंद नजर आ रहे हैं।
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एक लाइसेंस से कई जगह लगते डंप
खनन माफिया विभाग में सेटिग लगाकर मौरंग डंप का लाइसेंस जारी करा लेते हैं। इसके बाद वह नदी से मौरंग निकालकर पूरे महीने भर कई स्थानों पर इस मौरंग को डंप करते रहते हैं। जब भी कोई चेकिग करने जाता है तो एक स्थान का लाइसेंस दिखाकर कार्रवाई से बच जाते हैं इसके बाद नजराना की पेशकश कर अपना काम जारी रखते हैं।
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जलधारा रोकने पर क्यों नहीं होती कार्रवाई
बेतवा नदी के जिस क्षेत्र में खनन हो रहा है अगर वहां की जलधारा को रोककर खनन किया जाता है तो यह नियम के विरुद्ध है। इसके बाद भी जब कार्रवाई करने कोई अधिकारी जाता है तो इस बात को नजराना लेने वाले लोग लीक कर देते हैं जिससे कुछ ही घंटों में इस रोक को हटा दिया जाता है और जिम्मेदार संतुष्ट होकर अपने स्थान पर लौट भी नहीं पाते हैं कि नदी रोकने का कार्य फिर से शुरू हो जाता है। इस प्रकार किसी भी माफिया पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है। खनिज अधिकारी आरवी सिंह को जब बेतवा नदी की जलधारा रोकने के संबंध में जानकारी चाही तो फोन रिसीव करने के बाद किसी तरह का कोई जवाब नहीं दिया गया।
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- मामले की जानकारी की जा रही है। अगर बेतवा नदी में जलधारा रोकी गई है तो जिसकी भी संलिप्तता पाई जाती है उस पर कठोर कार्रवाई होगी। प्रमिल कुमार, एडीएम
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