नदियों का बढ़ा जलस्तर, कई गांवों के लोग बेचैन
जागरण टीम उरई यमुना का जलस्तर रविवार देर रात से फिर बढ़ना शुरू हो गया। लगभग दो मीटर जलस्तर सोमवार की दोपहर तक बढ़ गया है। यमुना का जलस्तर 102.40 मीटर दर्ज किया गया है। जलस्तर पुन बढ़ने से यमुना पट्टी के गांवों में फिर से बाढ़ की हलचल बढ़ने लगी है। इसके साथ ही लगातार बारिश होने से फसलें भी जलमग्न हैं जिससे तिल की फसल खराब होने के आसार बढ़ने लगे हैं।
जागरण टीम, उरई : यमुना का जलस्तर रविवार देर रात से फिर बढ़ना शुरू हो गया। लगभग दो मीटर जलस्तर सोमवार की दोपहर तक बढ़ गया है। यमुना का जलस्तर 102.40 मीटर दर्ज किया गया है। जलस्तर पुन: बढ़ने से यमुना पट्टी के गांवों में फिर से बाढ़ की हलचल बढ़ने लगी है। इसके साथ ही लगातार बारिश होने से फसलें भी जलमग्न हैं जिससे तिल की फसल खराब होने के आसार बढ़ने लगे हैं।
यमुना के जलस्तर में उतार चढ़ाव को लेकर यमुना पट्टी के गांव के लोग सशंकित हैं। रविवार की आधी रात के बाद से यमुना का जलस्तर एक बार फिर से बढ़ने लगा। सोमवार की दोपहर को यमुना का जलस्तर 102.40 मीटर दर्ज किया गया जबकि रविवार को यमुना का जलस्तर 100.79 मीटर पर था। जलस्तर बढ़ने से यमुना पट्टी के मदारपुर, हीरापुर, देवकली, मैनूपुर, गुढ़ा, शेखपुर गुढ़ा, पड़री, नरहान, दहेलखंड, सिकन्ना, पाल, सरैनी, कोड़ा आदि गांवों में लोग फिर से चौकन्ने हो गए हैं। उधर प्रशासन भी लगातार यमुना के जलस्तर पर नजरें रख रहा है। केंद्रीय जल आयोग के रूपेश कुमार के मुताबिक यमुना का जलस्तर 5 से 10 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। फिलहाल अभी जलस्तर कम होने की कोई संभावना नहीं है। हर घंटे पर जलस्तर नापा जा रहा है। जलस्तर बढ़ने से अभी किसी को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है। एक मीटर बढ़ा बेतवा नदी का जलस्तर
डकोर : मोहाना बेतवा नदी का जलस्तर की माप सोमवार को 111.42 मीटर दर्ज की गई है। जबकि खतरे का निशान 122. 66 सेमी पर है जबकि रविवार को 110.32 मीटर पर बेतवा नदी का पानी बह रहा था। बेतवा नदी में भी जलस्तर बढ़ने से सैदनगर, कोटरा, सिकरी व्यास, कमठा, कहटा, मकरेछा, मुहाना, गुढ़ा, बंधौली, सिमरिया सहित कई गांवों के लोग बेचैन हैं। प्रशासन ने लोगों से कहा कि वह नदी की ओर न जाएं। इस संबंध में बेतवा खंड कर्मचारी हीरालाल का कहना है कि बेतवा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बांधों से पानी अभी नहीं छोड़ा गया है बारिश के पानी से नदी का जलस्तर बढ़ा है। फसलें हुईं जलमग्न
लगातार 24 घंटे से हो रही बारिश के कारण पूरे जिले में गहराई वाले खेतों में पानी भर गया है। इस पानी के कारण सबसे अधिक नुकसान तिल की फसल को पहुंच सकता है। तिल के खेत भरे होने से यह फसल सड़क कर नष्ट हो जाएगी जिससे किसानों का भारी नुकसान होगा। अगर बारिश और होती है तो अन्य फसलें भी बर्बाद हो सकती हैं। ग्राम तरसौर के किसान उपेंद्र सिंह की 10 बीघा तिल की फसल में पानी भरने से वह सड़ने लगी है।