अभी तक नहीं बन सका खेल का मैदान
संवाद सहयोगी कोंच नगर के खेल प्रेमियों और खिलाड़ियों के लिए सबसे अधिक दुखदाई यह है कि पूरे नगर में एक भी खेल मैदान शासन प्रशासन विकसित नहीं करा पाया। जबकि नगर में सैकड़ों प्रतिभाएं ऐसी हैं जिन पर अगर ध्यान दिया जाए तो वह खेल में अपना और अपने नगर का नाम रोशन कर सकते हैं। स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी है कि व्यक्ति खेलकूद जैसी गतिविधियों में व्यस्त रहे।
संवाद सहयोगी, कोंच : नगर के खेल प्रेमियों और खिलाड़ियों के लिए सबसे अधिक दुखदाई यह है कि पूरे नगर में एक भी खेल मैदान शासन प्रशासन विकसित नहीं करा पाया। जबकि नगर में सैकड़ों प्रतिभाएं ऐसी हैं जिन पर अगर ध्यान दिया जाए तो वह खेल में अपना और अपने नगर का नाम रोशन कर सकते हैं।
स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी है कि व्यक्ति खेलकूद जैसी गतिविधियों में व्यस्त रहे। सरकार की भी मंशा है कि खेलकूद को बढ़ावा मिले और हर नगर और शहर में खेल मैदान विकसित हो इसके लिए समय-समय पर शासन शासनादेश जारी करता भी रहता है लेकिन स्थानीय प्रशासन ऐसे आदेशों को दर किनार कर युवाओं और किशोर में पनपती खेल भावनाओं का गला घोंट देता है। नगर की एक लाख की आबादी होने के वैदिक खेल मैदान प्रशासन विकसित नहीं करा पाया। जिसका परिणाम यह है कि नगर के बच्चे और युवा गलियों में अपने खेल का शौक पूरा करने पर मजबूर हैं। ऐसा नहीं है कि नगर में खेल प्रतिभाओं की कमी है। पूर्व में नगर से निकले खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाकर नगर का नाम रोशन किया है। बॉलीवाल फुटबाल क्रिकेट दौड़ जैसे खेलों में नगर के लोग प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम लिखवा चुके हैं। नगर के लोग लंबे समय से खेल मैदान एवं स्टेडियम जिसमें इंडोर और आउटडोर दोनों की सुविधाएं हों ऐसे मैदान की मांग करते आ रहे हैं लेकिन अभी तक स्टेडियम की तो छोड़ो खेल मैदान के लिए भी प्रशासन भूमि नहीं तलाश पाया है। शासन की ओर से खेल मैदान विकसित करने के लिए जितने भी शासनादेश आए उन्हें प्रशासन रद्दी समझकर टोकरी में फेंकता रहा है। जिससे अभी तक खेल मैदान का निर्माण नहीं हो सका है। कोट
अभी उनके पास खेल मैदान विकसित किए जाने का कोई आदेश शासन की ओर से नहीं है। यदि खेल मैदान विकसित करने का आदेश उन्हें मिलता है तो वह अवश्य नगर में खेल मैदान के निर्माण का कार्य पूरा करवा कर खिलाड़ियों को पूरी सुविधाएं दिलवाने का काम करेंगे।
अंकुर कौशिक, एसडीएम कोंच