कोंच न होने से मैदान से दूर हो रहे खिलाड़ी

जागरण संवाददाता, उरई : खेलो इंडिया की मुहिम जिले में सार्थक साबित नहीं हो रही है। हालत

By JagranEdited By: Publish:Thu, 31 Jan 2019 11:55 PM (IST) Updated:Thu, 31 Jan 2019 11:55 PM (IST)
कोंच न होने से मैदान से दूर हो रहे खिलाड़ी
कोंच न होने से मैदान से दूर हो रहे खिलाड़ी

जागरण संवाददाता, उरई : खेलो इंडिया की मुहिम जिले में सार्थक साबित नहीं हो रही है। हालत यह है कि कई प्रमुख खेलों के कोच न होने की वजह से खिलाड़ियों को प्रशिक्षण नहीं मिल पा रहा है। जिसके कारण मैदान की तरफ खिलाड़ी रुख नहीं कर रहे। जालौन महोत्सव के दौरान जरूर खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया था, लेकिन बाद में गतिविधियां ठप हो गईं। वहीं खेल संसाधनों की हालत भी ठीक नहीं होने से खिलाड़ियों का स्टेडियम के प्रति रुझान कम हो रहा है।

हालत यह है कि स्टेडियम में क्रिकेट व हॉकी का प्रशिक्षण देने के लिए स्थाई कोच नहीं है। जबकि इन्हीं खेलों के प्रति खिलाड़ियों का रुझान ज्यादा रहता है। प्रशिक्षण न मिल पाने की वजह से स्टेडियम में पंजीकृत खिलाड़ियों की संख्या भी काफी सीमित हो गई है। कई बार प्रतियोगिता कराने के लिए टीम बनाना तक मुश्किल हो जाता है। हालांकि जिम्नास्टिक व एथलेटिक्स के कोच नियुक्त होने के बाद अन्य खेलों के आयोजन तो हो रहे हैं, लेकिन संसाधन दुरुस्त नहीं होने के कारण खिलाड़ियों का हौसला टूट जाता है। क्रिकेट की किट तथा हॉकी के स्टिक तक पर्याप्त संख्या में नहीं हैं।

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क्या कहते हैं जिम्मेदार

मौजूदा संसाधनों से खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिन संसाधनों की कमी है उन्हें पूरा किया जा रहा है। हाल के दिनों कई बड़ी प्रतियोगिताएं कराई जा चुकी हैं।

रइस अख्तर, जिला क्रीड़ा अधिकारी।

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