लोगों ने गुहार लगाना छोड़ा, 15 सालों में नहीं बनी टरननगंज सड़क
संवाद सहयोगी कालपी बीते डेढ़ दशक से नगर की टरननगंज सडक जर्जर हालत में पड़ी है। सड़
संवाद सहयोगी, कालपी : बीते डेढ़ दशक से नगर की टरननगंज सडक जर्जर हालत में पड़ी है। सड़क के नाम पर उखड़ी गिट्टी व गड्ढे ही मात्र शेष बचे हैं। वाहनों के आवागमन के दौरान उड़ने वाले धूल के गुबार लोगों को बीमार कर रहे हैं फिर भी प्रशासन इस सड़क के निर्माण की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
नगर के आलमपुर तिराहे से लेकर फुलपावर चौराहे तक लगभग डेढ़ किमी लंबा टरननगंज राजमार्ग का निर्माण ब्रिटिश काल में हुआ था। उस समय यह सड़क मुख्य सड़क थी और यहीं से ही सभी वाहन निकलते थे लेकिन समय बीतने के साथ ही सड़क जर्जर होती गयी। उसके बाद जब हाइवे बन गया तो इस सड़क की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। उसके बाद बीते 15 वर्षों से इस सड़क में सड़क के नाम पर अब उखड़ी गिट्टी व गड्डे ही मात्र शेष बचे हैं। अब यह सड़क लोगों को सुविधा देने के बजाय परेशान का कारण बनी है। रात दिन उड़ती है धूल
टरननगंज सड़क जर्जर बाजार व शहर की मुख्य सड़क है। पूरा बाजार इसी सड़क के किनारे स्थित है लेकिन जर्जर होने के कारण जब इस सड़क से वाहन निकलते हैं तो इस कदर धूल के गुबार उड़ते हैं कि लोगों को आगे का दिखाई ही नहीं देता। धूल के कारण लोग श्वांस व अन्य रोगों के शिकार भी हो रहे हैं। व्यापारी जय खत्री, सुनील पटवा, साजिद, मनोज पुरवार, अमिताभ पुरवार बताते हैं कि 15 वर्षों से यह सड़क लोगों के लिए परेशानी का कारण बनी है। सड़क से उठने वाले धूल के गुबार सीधे दुकान के भीतर आते हैं और पूरे सामान पर धूल ही धूल छा जाती है। रोजाना धूल के बीच बैठकर व्यापार करने को मजबूर हैं जिससे श्वांस संबंधित रोग से भी ग्रसित हो रहे हैं लेकिन किसी को भी इस परेशानी से कोई फर्क नहीं है। कई बार हुई मरम्मत
नगर की टरननगंज सड़क हाइवे प्राधिकरण की वजह से जर्जर हुई है। नगर मे अधूरे हाइवे पर जब भी जाम लगता है तो पूरा ट्रैफिक टरननगंज सड़क से निकलने लगता है। हाइवे प्राधिकरण को ही इस सड़क को बनाना चाहिए लेकिन प्राधिकरण इस ओर जरा भी ध्यान नहीं दे रहा है। सड़क निर्माण का टेंडर हो चुका है लेकिन शासनादेश के अनुसार बजट का पैसा कोरोना काल में कर्मचारियों के वेतन में चला गया। अब बजट आने के बाद ही निर्माण हो सकेगा। हाईवे प्राधिकरण को मरम्मत के लिए पत्र लिखा जा चुका है लेकिन प्राधिकरण इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
- सुशील कुमार, अधिशाषी ेअधिकारी, नगर पालिका