धनुष भंग लीला देख भाव विभोर हुए लोग
संवाद सहयोगी जालौन श्रीराम लीला भवन में चल रही
संवाद सहयोगी, जालौन : श्रीराम लीला भवन में चल रही 172वें श्रीराम लीला महोत्सव में धनुष यज्ञ, परशुराम लक्ष्मण संवाद का मंचन हुआ, जिसमें राम द्वारा धनुष भंग करने से क्रोधित परशुराम को भगवान राम अपने सुदर्शन रूप के दर्शन कराते हैं।
धनुष यज्ञ अवसर पर महाराज जनक घोषणा करते हैं कि जो वीर भगवान शिव के धनुष की प्रत्यंचा चढ़ा देगा, उससे वह अपनी पुत्री सीता का विवाह करा देंगे। स्वयंवर में कई क्षत्रिय राजा धनुष को हिला तक नहीं पाते हैं, ऐसे में जनक उलाहना देते हैं कि क्या कोई वीर नहीं इस धरती पर जो शिव धनुष को हिला भी सके। ऐसे में विश्वामित्र की आज्ञा पर भगवान श्रीराम शिव धनुष को भंग कर देते हैं। धनुष भंग की गर्जना से महेंद्र गिरी पर्वत पर तपस्यारत परशुराम क्रोधित होकर जनक दरबार में पहुंचते हैं, जहां उनका लक्ष्मण से विवाद होता है। विवाद गंभीर होता देख भगवान राम परशुराम को अपने सुदर्शन रूप के दर्शन कराते हैं। दर्शन पश्चात भाव विह्वल परशुराम वापस महेंद्र गिरी पर्वत लौट जाते हैं। रामलीला का मंचन देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।
पिता पुत्र का संवाद रहा आकर्षण का केंद्र
रामलीला महोत्सव में पांचवें दिन की लीला में लक्षमण की भूमिका केके शुक्ला ने निभा रहे थे जबकि परशुराम की भूमिका में उनके पिता जे डी शुक्ला निभा रहे थे। पिता पुत्र द्वारा प्रस्तुत किया गया परशुराम लक्ष्मण के संवाद का लोगों ने लुप्त उठाया तथा जमकर तालियां बटोरी।